MP News: ग्वालियर-चंबल संभाग से पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना में एक बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां मृतकों को ज़िंदा दिखाकर उनके नाम पर बीमा कराया गया और फिर मृत्यु के बाद मिलने वाली दो लाख रुपये की बीमा राशि हड़प ली गई। इसके लिए सबसे पहले मृत व्यक्ति को जीवित दिखाकर उसका बीमा कराया गया और फिर मौत की जगह यानी ज़िले से लेकर राज्य तक की लोकेशन बदल दी गई ताकि मामला पकड़ में न आए। सरकारी कागज़ात और फर्जी दस्तावेज़ों के दम पर ये खेल चलाया गया और बीमा कंपनियों से पैसा वसूल कर लिया गया।
फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर जारी किए गए मृत्यु प्रमाण पत्र
इस घोटाले में यह बात सामने आई है कि एजेंसियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मृतकों के नाम पर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए। इन प्रमाण पत्रों के आधार पर बीमा क्लेम की प्रक्रिया पूरी की गई और बीमा कंपनियों से पैसे निकलवा लिए गए। इस फर्जीवाड़े में ग्राम पंचायतों के सचिवों की मिलीभगत की बात भी जांच में सामने आई है। सबसे हैरानी की बात यह है कि एक व्यक्ति की मृत्यु दर्ज कराने के लिए उसके ज़िले और राज्य की लोकेशन तक बदल दी गई ताकि बीमा राशि प्राप्त की जा सके। पूरा मामला अब आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की टीम की जांच के घेरे में है।
जांच में 1500 से ज्यादा फर्जी बीमा क्लेम उजागर
EOW की जांच में अब तक बीमा कंपनियों से जुड़े 1500 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं जिनमें से अधिकतर मामले फर्जी पाए गए हैं। इससे साफ है कि यह घोटाला सिर्फ ग्वालियर ही नहीं बल्कि चंबल क्षेत्र के कई जिलों में फैला हुआ है। अधिकारियों को फरवरी में पहली शिकायत मिलने के बाद जब जांच शुरू हुई तो यह पता चला कि एक पूरा गिरोह काम कर रहा है जो ग्रामीण इलाकों में भोले-भाले लोगों को निशाना बनाकर बीमा योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहा है। खास बात यह है कि यह घोटाला सालों से चल रहा है और इसकी भनक भी किसी को नहीं लगी।
क्या है योजना और कैसे हुआ इसका दुरुपयोग
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना साल 2015 में शुरू की गई थी जिसमें मात्र ₹436 वार्षिक प्रीमियम देकर 2 लाख रुपये का बीमा कवर प्राप्त किया जा सकता है। यह योजना 18 से 50 वर्ष की आयु वाले लोगों के लिए है और इसमें सामान्य मृत्यु पर भी बीमा राशि मिलती है। इसी तरह प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना भी है जिसमें केवल ₹20 सालाना प्रीमियम में 4 लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है जो दुर्घटना में मृत्यु या अपंगता की स्थिति में दिया जाता है। इन योजनाओं में प्रीमियम सीधे बैंक खाते से कटता है। लेकिन इस नेक योजना का गलत इस्तेमाल कर कुछ लोगों ने मृतकों के नाम पर फर्जी बीमा करवाया और लाखों रुपये की बीमा राशि हड़प ली। अब पूरे मामले की गहन जांच जारी है और प्रशासन ने भोपाल के जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यालय से भी रिकॉर्ड मांगा है ताकि दोषियों को पकड़ा जा सके।
