Suzlon Energy: भारत की प्रमुख पवन ऊर्जा कंपनी सुजलॉन एनर्जी को लेकर ब्रोकरेज फर्म जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज ने रेटिंग को ‘बाय’ से घटाकर ‘एक्यूम्युलेट’ कर दिया है। हालांकि रेटिंग में कमी के बावजूद कंपनी का लक्ष्य मूल्य बढ़ाकर 77 रुपये कर दिया गया है जो इसके पिछले क्लोजिंग प्राइस 65.67 रुपये से 17 फीसदी ज्यादा है। इसका कारण कंपनी का पवन टरबाइन कारोबार में शानदार प्रदर्शन और मजबूत ऑर्डर बुक है जिससे आने वाले समय में विकास की अच्छी संभावनाएं नजर आ रही हैं।
मजबूत ऑर्डर बुक पर भरोसा
जियोजित ने कंपनी की 5.5 गीगावॉट की ऑर्डर बुक को ध्यान में रखते हुए सकारात्मक रुख बनाए रखा है। इसमें से 80 फीसदी ऑर्डर कमर्शियल, इंडस्ट्रियल और पीएसयू सेगमेंट से जुड़े हैं। खास बात ये है कि कंपनी के प्रमुख S144 टरबाइन का 92 फीसदी हिस्सा इस ऑर्डर बुक में शामिल है। ब्रोकरेज का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 से 2027 के बीच पवन टरबाइन जनरेटर की डिलीवरी में 41 फीसदी की बड़ी बढ़त देखी जा सकती है। इसके साथ ही कंपनी की सालाना आमदनी में 38 फीसदी की दर से बढ़ोतरी और रिटर्न ऑन इक्विटी के 26 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद है।
मार्च तिमाही में भारी मुनाफा
कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की मार्च तिमाही में जबरदस्त मुनाफा कमाया है। इस तिमाही में नेट प्रॉफिट 1,182.22 करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल की समान तिमाही के 254.12 करोड़ रुपये से कई गुना ज्यादा है। ऑपरेशंस से मिलने वाली आमदनी भी 73 फीसदी बढ़कर 3,773.54 करोड़ रुपये तक पहुंच गई जबकि पिछले साल यह 2,179.20 करोड़ रुपये थी। कंपनी की नेट कैश पोजीशन भी मजबूत रही जो वित्त वर्ष के अंत में 1,943 करोड़ रुपये रही। इसके साथ ही कंपनी की कंसोलिडेटेड नेट वर्थ बढ़कर 6,106 करोड़ रुपये हो गई है जो उसकी वित्तीय मजबूती को दर्शाती है।
दूसरे ब्रोकरेज का मिला-जुला रुख
जहां जियोजित ने रेटिंग को घटाया लेकिन लक्ष्य मूल्य बढ़ाया वहीं नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी रेटिंग ‘होल्ड’ पर बरकरार रखी है। इसका मतलब है कि कंपनी में निवेश करने से पहले निवेशकों को थोड़ा इंतजार करना चाहिए और बाजार की चाल देखनी चाहिए। हालांकि कंपनी की बैलेंस शीट, ऑर्डर बुक और बढ़ती डिमांड को देखकर यह कहा जा सकता है कि सुजलॉन एनर्जी के आगे के रास्ते में कई सकारात्मक संकेत हैं।
