Iran Isreal War: इजरायली सुरक्षा अधिकारियों ने ईरान पर हुए हमलों को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने शुक्रवार के हमलों से पहले ही ड्रोन और अन्य हथियार ईरान में चोरी-छिपे भेज दिए थे। ये हथियार ईरान के आंतरिक सुरक्षा तंत्र को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए। दो सुरक्षा अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर इस गुप्त मिशन की जानकारी दी है। हालांकि इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है और अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान भी सामने नहीं आया है।
BREAKING: Israeli security officials tell the AP the country’s Mossad spy agency smuggled weapons into Iran ahead of Friday’s strikes that were used to target its defenses from within.
It was not possible to independently confirm their claims. https://t.co/75MP66dI2f— The Associated Press (@AP) June 13, 2025
तेहरान के पास बनाई गई थी गुप्त बेस
अधिकारियों के अनुसार ईरान के अंदर एक गुप्त बेस बनाया गया था जहां से विस्फोटक ड्रोन छोड़े गए। इन ड्रोन का मुख्य उद्देश्य तेहरान के पास स्थित एक ईरानी मिसाइल बेस पर हमला करना था। अधिकारियों ने यह भी बताया कि इजराइल ने सटीक निशाना लगाने वाले हथियार भी ईरान के मध्य हिस्से में पहुंचा दिए थे। इन हथियारों को सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम के पास तैनात किया गया था ताकि हमले के समय वे प्रभावी ढंग से निशाना साध सकें।
गाड़ियों पर लगाए गए थे स्ट्राइक सिस्टम
सुरक्षा अधिकारियों ने जानकारी दी कि इजराइल ने ऐसे स्ट्राइक सिस्टम भी तैयार किए थे जिन्हें गाड़ियों पर लगाया गया था। जैसे ही हमले की शुरुआत हुई वैसे ही इन सिस्टम को एक्टिव किया गया और ईरान की सुरक्षा व्यवस्था को सीधा निशाना बनाया गया। इन हमलों के पीछे रणनीतिक रूप से कई महीनों की तैयारी बताई जा रही है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को सार्वजनिक रूप से कहा कि इजराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है।
ویدئوهایی از عملیات موساد در خاک ایران. pic.twitter.com/xXsY7qielE
— اسرائیل به فارسی (@IsraelPersian) June 13, 2025
ईरान का पलटवार और बढ़ता तनाव
इजराइल के इन हमलों के जवाब में ईरान ने भी कड़ा रुख अपनाया है। ईरानी सेना ने इजराइल की ओर 100 से अधिक ड्रोन भेजने का दावा किया है। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है। पश्चिम एशिया में पहले से ही फैले तनावपूर्ण माहौल में इस ताजा घटनाक्रम ने नई चिंता पैदा कर दी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर अब इस टकराव पर टिकी हुई है कि आगे की स्थिति क्या रूप लेगी।
