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Russia Ukraine War: यूक्रेन में युद्ध के बीच मारे गए भारतीय छात्र नवीन का शव रविवार को पहुंचेगा भारत, भारतीय दूतावास से एडवाइजरी जारी

नई दिल्ली, एएनआई: यूक्रेन में छिड़े युद्ध के बीच मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौडरम का शव 20 मार्च को भारत पहुंचेगा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बताया कि खार्किव मेडिकल यूनिवर्सिटी में अंतिम

वर्ष के भारतीय छात्र नवीन का शव रविवार को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर पहुंचेगा। पिछली दो मार्च को युद्ध के दौरान गोलीबारी में नवीन की मौत हो गई थी। परिजन लगातार शव को भारत लाने की कोशिशों में लगे हुए थे। 

दूतावास ने जारी की एडवाइजरी

वहीं, शुक्रवार को यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें बताया गया है कि दूतावास में कामकाज जारी है। साथ ही एडवाइजरी में विवरण जारी कर युद्ध के फंसे भारतीयों को दूतावास से संपर्क  करने की सलाह दी गई है। दूतावास ने ट्वीट में लिखा कि “भारतीय दूतावास में कामकाज जारी है और हमसे ईमेल के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है: consl.kyiv@mea.gov.in। साथ ही सहायता के लिए व्हाट्सएप पर जो 24घंटे सातों दिन चालू हैं, उनपर भी संपर्क किया जा सकता है +380933559958, +919205290802, +917428022564”

यूक्रेन में संघर्ष के बाद पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद, भारतीय सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि लगभग 22,500 भारतीय नागरिक सुरक्षित घर लौट आए हैं। आपरेशन गंगा के तहत निकाले गए लोगों में ज्यादातर मेडिकल छात्र हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान यूक्रेन की स्थिति पर भारत के रुख को दोहराया। उन्होंने कहा कि “हम स्पष्ट और सुसंगत रहे हैं, हमें लगता है कि कूटनीति और बातचीत के माध्यम से एकमात्र रास्ता है। जिस पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत में जोर दिया है।

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी

गौरतलब है कि 24 फरवरी को, डोनेट्स्क और लुहान्स्क के लोगों द्वारा खुद को बचाने का अनुरोध करने के बाद रूस ने यूक्रेन में एक विशेष सैन्य अभियान शुरू किया है। रूस को यूक्रेन में अपने सैन्य अभियानों को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जिसने यूक्रेन से हजारों शरणार्थियों के पड़ोसी देशों से पश्चिम की ओर भाग जाने के साथ एक बहुत बड़ा मानवीय संकट पैदा कर दिया है।

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

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