बाढ़ के बीच ओडिशा में मगरमच्छों ने बढ़ाई मुश्किल, गांवों में घुसकर मचाई दहशत, लोग सहमे

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ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में बाढ़ ने लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। ब्राह्मणी और कानी नदियों का पानी गांवों में घुस गया है, जिससे पत्तामुंडाई ब्लॉक और चौधाकुलत क्षेत्र के कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। पानी का बहाव इतना तेज है कि घरों में घुसने से लेकर खेतों और सड़कों तक सब कुछ डूब गया है। लोगों के सामने आजीविका और सुरक्षा की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। पीने के पानी और राशन की कमी के कारण स्थिति और भी भयावह हो गई है। जिले में कई लोग अपने घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर हैं। इस बार बाढ़ ने जहां लोगों की संपत्ति और फसलों को नुकसान पहुंचाया है, वहीं अब बाढ़ के पानी के साथ आई नई मुसीबत ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

सड़कों पर घूमते मगरमच्छ बने नई मुसीबत

इस बार बाढ़ की स्थिति को और भी खतरनाक बना दिया है सड़कों और गांवों में घूमते मगरमच्छों ने। शुक्रवार को कई गांवों की जलमग्न सड़कों पर तैरते मगरमच्छों के झुंड देखे गए। जब बाढ़ का पानी जंगल और नदियों के किनारों को तोड़कर गांवों की ओर बढ़ा, तो उसके साथ मगरमच्छ भी गांवों में आ गए। लोग इतने डरे हुए हैं कि अब रात में अपने घरों से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी मगरमच्छ के हमले की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन खतरा लगातार बना हुआ है। वन विभाग ने लोगों को बाढ़ के पानी में न उतरने और आसपास सतर्क रहने की सलाह दी है। इसके साथ ही, लोगों को बाढ़ के पानी में घूमने वाले जहरीले सांपों से भी सतर्क रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है। बाढ़ के साथ मगरमच्छों का खतरा लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर रहा है, जिससे उनका रोजमर्रा का जीवन ठप हो गया है।

बाढ़ के बीच ओडिशा में मगरमच्छों ने बढ़ाई मुश्किल, गांवों में घुसकर मचाई दहशत, लोग सहमे

राहत कार्य में जुटा जिला प्रशासन

बाढ़ प्रभावित इलाकों में जिला प्रशासन राहत कार्य में जुटा हुआ है। अब तक 30 से अधिक बाढ़ प्रभावित गांवों में सूखा राशन और साफ पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन द्वारा नावों और स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों की मदद से लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। कई गांव ऐसे हैं जहां रास्ते पूरी तरह जलमग्न होने के कारण राहत कार्य में दिक्कतें आ रही हैं, फिर भी प्रशासन हर संभव कोशिश कर रहा है कि लोगों को समय पर मदद मिल सके। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ्य सेवाएं दे रही हैं ताकि जलजनित बीमारियों को रोका जा सके। इसके अलावा, बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए अस्थाई राहत शिविर भी लगाए गए हैं, जहां भोजन और प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। प्रशासन की अपील है कि लोग राहत कार्य में सहयोग करें और बाढ़ के पानी में अनावश्यक न जाएं।

मौसम विभाग ने दी और भारी बारिश की चेतावनी

इस बीच, मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 24 जुलाई के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक और निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिससे 23 जुलाई से ओडिशा के कई हिस्सों, विशेष रूप से तटीय और उत्तरी जिलों में भारी बारिश हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो केंद्रपाड़ा में स्थिति और भी खराब हो सकती है। लोग पहले से ही बाढ़ की मार झेल रहे हैं और ऊपर से मगरमच्छों की उपस्थिति ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है। आने वाले दिनों में प्रशासन और लोगों के लिए यह समय और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्रशासन ने लोगों को पहले से तैयार रहने की सलाह दी है और अपने जरूरी सामान को सुरक्षित स्थान पर रखने की हिदायत दी है। ऐसे समय में आवश्यक है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन और वन विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें ताकि अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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