Sawan: हिंदू पचांग के अनुसार श्रावण मास की शुरुआत 11 जुलाई 2025 को सुबह 2 बजकर 6 मिनट पर कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हो गई है। यह मास 9 अगस्त 2025 को शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा। इस पूरे महीने को भगवान शिव का सबसे प्रिय समय माना जाता है। भक्तजन व्रत रखते हैं, शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं और भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा करते हैं।
हर सोमवार को शिवभक्ति का पर्व
सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को है। इसी दिन गणेश भक्त संकष्टी चतुर्थी का व्रत भी रखेंगे। 15 जुलाई को सावन का पहला मंगलवार है, जिसे मंगलागौरी व्रत के रूप में महिलाएं करती हैं। 16 जुलाई को कर्क संक्रांति, 17 जुलाई को कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। यह सप्ताह शिव और विष्णु दोनों की आराधना से भरा रहेगा।
त्योहारों की भरमार और भक्तिभाव का संगम
21 जुलाई को दूसरा सोमवार, रोहिणी व्रत और कामिका एकादशी तीनों एक साथ पड़ रहे हैं। 22 जुलाई को दूसरा मंगलागौरी व्रत है। 23 जुलाई को मासिक शिवरात्रि, महाशिवरात्रि और हरियाली अमावस्या का योग बन रहा है। 24 जुलाई को सावन अमावस्या और 25 जुलाई को चंद्र दर्शन होगा। 26 जुलाई को महिलाएं हरियाली तीज का उत्सव मनाएंगी।
नागपंचमी से लेकर तुलसीदास जयंती तक विशेष तिथियां
28 जुलाई को तीसरा सोमवार, विनायक चतुर्थी और नागपंचमी का पर्व है। 29 जुलाई को तीसरा मंगलागौरी व्रत और कल्कि जयंती मनाई जाएगी। 30 जुलाई को स्कंद षष्ठी और 31 जुलाई को तुलसीदास जयंती है। 1 अगस्त को मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व है। हर दिन धार्मिक ऊर्जा से भरपूर रहेगा।
रक्षाबंधन पर होगा सावन का समापन
4 अगस्त को सावन का चौथा और अंतिम सोमवार होगा। 5 अगस्त को चौथा मंगलागौरी व्रत, पुत्रदा एकादशी और दामोदर द्वादशी तीनों एक साथ पड़ेंगे। 6 अगस्त को बुध प्रदोष व्रत, 8 अगस्त को वरलक्ष्मी व्रत और हयग्रीव जयंती का पर्व है। अंततः 9 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ इस पावन मास का समापन होगा। यह महीना शिवभक्ति और व्रतों से भरा एक दिव्य अनुभव बनकर रहेगा।
