Global health crisis: संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साल 2025 तक भारत की जनसंख्या 1.46 अरब के पार हो जाएगी। इसी के साथ भारत चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। हालांकि जनसंख्या बढ़ने का सीधा असर देश की मूलभूत सुविधाओं और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर पड़ता है। इतनी बड़ी आबादी को ठीक से संभाल पाना अब एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है।
घटती जन्मदर लेकिन बढ़ रही स्वास्थ्य समस्याएं
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जन्मदर में भले ही गिरावट हो रही है लेकिन बीमारियां और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। खराब लाइफस्टाइल और असंतुलित खानपान लोगों को गंभीर बीमारियों की ओर धकेल रहा है। इनमें सबसे खतरनाक बीमारी हार्ट अटैक और अन्य दिल की बीमारियां बन चुकी हैं। जो अब मौत की सबसे बड़ी वजह बन गई हैं।
दिल की बीमारी बनी दुनिया की सबसे जानलेवा वजह
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा लोग हार्ट की बीमारियों से मर रहे हैं। 2021 के आंकड़ों के अनुसार करीब 3.9 करोड़ लोग केवल दिल की बीमारियों से मरे हैं। यह कुल मौतों का करीब 57 प्रतिशत है। इस्केमिक हार्ट डिजीज और स्ट्रोक जैसे रोग अब आम होते जा रहे हैं। यह आंकड़े दिल को झकझोरने वाले हैं।
डब्ल्यूएचओ ने दी खतरनाक बीमारियों की चेतावनी
WHO ने उन 10 बीमारियों की लिस्ट जारी की है जो पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुकी हैं। दिल की बीमारियों के बाद दूसरे नंबर पर है क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज यानी सीओपीडी। फिर आता है लोवर रेस्पेरेटरी इंफेक्शन का नंबर। इसके अलावा ट्रेकिआ, ब्रोन्कस और फेफड़ों का कैंसर भी तेजी से बढ़ रहा है। यह कैंसर अब एक बड़ी आबादी को अपनी गिरफ्त में ले रहे हैं।
युवाओं को घेर रही डायबिटीज और टीबी भी बनी खतरा
अब युवाओं में भी डायबिटीज का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इसकी वजह खराब दिनचर्या और फास्ट फूड जैसी चीजें हैं। मोटापा और सुस्ती अब आम हो चुकी है। इसके अलावा अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी मानसिक बीमारियां भी बढ़ रही हैं। किडनी के रोग और तपेदिक यानी टीबी भी अब वैश्विक स्तर पर गंभीर समस्या बन चुके हैं।
