Delhi News: दिल्ली से बीजेपी विधायक तरविंदर सिंह मारवाह का एक बड़ा और विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि राजधानी दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतों और प्रमुख बाजारों को भगवा रंग में रंगा जाएगा। मारवाह के मुताबिक, लाल किला, कुतुब मीनार, हुमायूं का मकबरा, दिल्ली विधानसभा, कनॉट प्लेस और चांदनी चौक जैसे प्रतिष्ठित स्थल भगवा रंग में रंगे जाएंगे।
विधानसभा सत्र में प्रस्ताव लाने का दावा
विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने यह भी ऐलान किया कि वे इस संबंध में प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र में पेश करेंगे। उन्होंने दावा किया कि भगवा रंग भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है और इसे सार्वजनिक स्थलों पर अपनाने से “सांस्कृतिक गौरव” की भावना बढ़ेगी। हालांकि, इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं और कई विपक्षी दलों ने इसे “संवेदनशीलता के खिलाफ” बताया है।
कांवड़ यात्रा पर भी दिया विवादास्पद बयान
मारवाह इससे पहले भी अपने बयानों के कारण चर्चा में रह चुके हैं। हाल ही में उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर कांवड़ यात्रा के दौरान दिल्ली में मांस और शराब की सभी दुकानों को बंद करने की मांग की थी। उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर स्वेच्छा से दुकानें बंद नहीं हुईं तो उन्हें “बलपूर्वक” बंद किया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है, पार्टी की नहीं।
कौन हैं तरविंदर सिंह मारवाह?
तरविंदर सिंह मारवाह दिल्ली के जंगपुरा क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने 1998 से 2013 तक तीन बार कांग्रेस पार्टी से जीत दर्ज की थी। साल 2022 में वे बीजेपी में शामिल हो गए और दिल्ली बीजेपी की सिख सेल के प्रमुख बनाए गए। मारवाह का दिल्ली में व्यापार है और वे किराए की कई संपत्तियों से भी आय प्राप्त करते हैं। वे पूर्व में राहुल गांधी के खिलाफ भी तीखे बयान देकर चर्चा में रहे हैं।
बयान पर मचा राजनीतिक घमासान
तरविंदर सिंह मारवाह के भगवा रंग संबंधी बयान पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कई नेताओं का कहना है कि इतिहास और विरासत से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और सार्वजनिक स्थलों का राजनीतिक रंगकरण नहीं होना चाहिए। आम आदमी पार्टी ने इस बयान को “ध्यान भटकाने की सस्ती राजनीति” बताया है। वहीं कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि क्या अब हर इमारत की पहचान बदल दी जाएगी?
