26/11 Mumbai Attack: मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक तहव्वुर राणा से अप्रैल महीने में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गहन पूछताछ की। राणा फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान राणा ने पहले से दर्ज बयानों को ही दोहराया और उसका रवैया अब भी कट्टरपंथी विचारधारा को दर्शाता है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राणा पूछताछ में जानकारी तो दे रहा है लेकिन उसके बोलने का तरीका उसके पूर्व विचारों से चिपके रहने की पुष्टि करता है।
पाकिस्तानी सेना का ‘भरोसेमंद’, खुद किया खुलासा
राणा ने अपने बयान में खुद को पाकिस्तानी सेना का भरोसेमंद व्यक्ति बताया। उसने यह भी दावा किया कि इराक द्वारा कुवैत पर आक्रमण के समय उसे एक सीक्रेट मिशन पर सऊदी अरब भेजा गया था। राणा ने बताया कि उसने 1986 में रावलपिंडी के आर्मी मेडिकल कॉलेज से MBBS किया था, जिसके बाद उसे क्वेटा में कैप्टन (डॉक्टर) के पद पर नियुक्त किया गया। वह सिंध, बलूचिस्तान, बहावलपुर और सियाचिन-बालोतरा जैसे संवेदनशील सैन्य इलाकों में भी तैनात रहा।
डेविड हेडली और अन्य साजिशकर्ताओं से रिश्तों की बात कबूली
पूछताछ के दौरान तहव्वुर राणा ने अब्दुल रहमान पाशा, साजिद मीर और मेजर इकबाल को जानने की बात स्वीकार की। ये तीनों पाकिस्तानी नागरिक हैं और 26/11 हमलों की साजिश में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। राणा हिंदी, अंग्रेज़ी, अरबी और पश्तो जैसी भाषाओं में निपुण है। उसने डेविड हेडली से जुड़ी कई बातें भी बताईं। राणा ने बताया कि 2003 से 2004 के बीच हेडली ने लश्कर-ए-तैयबा के तीन ट्रेनिंग कोर्स किए थे, हालांकि वह सभी के नाम याद नहीं कर पाया। जब पूछा गया कि मुंबई में पहला इमिग्रेशन सेंटर खोलने का विचार किसका था, तो राणा ने दावा किया कि वह विचार पूरी तरह उसका था, न कि हेडली का। उसने यह भी कहा कि हेडली को जो पैसे भेजे गए थे, वे व्यापारिक खर्चों के लिए थे।
सैन्य सेवा से बर्खास्तगी और कोर्ट बयान पर तैयारी
अपनी सैन्य सेवा के बारे में बताते हुए राणा ने कहा कि सियाचिन में एक असाइनमेंट के दौरान उसे पल्मोनरी एडीमा नामक बीमारी हो गई थी, जिससे उसे लंबे समय तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहना पड़ा। इस अनुपस्थिति के कारण उसे ‘डिजर्टर’ घोषित कर सेना से निकाल दिया गया। पूछताछ में पुलिस को यह भी पता चला कि राणा ने कोर्ट में डेविड हेडली द्वारा दिए गए सभी बयानों को ध्यानपूर्वक पढ़ा है और उसी के आधार पर अपनी सफाई तैयार कर रहा है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि भले ही राणा जांच में सहयोग कर रहा हो, लेकिन वह बार-बार वही बातें दोहरा रहा है और अपने पुराने झूठ को सच साबित करने की कोशिश कर रहा है।
