MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है जहां केंद्र सरकार की विशेष छात्रवृत्ति योजना में करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ है। ये छात्रवृत्ति अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए दी जाती है ताकि वे पढ़ाई जारी रख सकें। लेकिन कुछ निजी स्कूलों और मदरसों ने इस योजना का गलत फायदा उठाकर सरकार को ही चूना लगा दिया। जांच में सामने आया कि 20 निजी स्कूल और 20 मदरसे जिन्होंने सिर्फ आठवीं या दसवीं तक की मान्यता ली हुई है उन्होंने ग्यारहवीं और बारहवीं के फर्जी छात्र बना कर 57 लाख रुपये की छात्रवृत्ति ठग ली।
फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति उठाने वाले 40 शिक्षण संस्थानों पर FIR दर्ज
पुलिस को जैसे ही इसकी जानकारी मिली तो पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक संचालक योगेंद्र राज ने अपराध शाखा में शिकायत दर्ज करवाई। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने भोपाल के 20 निजी स्कूलों और 20 मदरसों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। यह छात्रवृत्ति केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा मुस्लिम, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और पारसी छात्रों के लिए जारी की जाती है ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति से परे जाकर अच्छी शिक्षा हासिल कर सकें।
फिजिकल वेरिफिकेशन से सामने आई सच्चाई
दरअसल केंद्र सरकार ने जब छात्रवृत्ति पोर्टल पर मौजूद स्कूलों की लिस्ट में कुछ संस्थानों को रेड फ्लैग किया तो राज्य सरकार ने इन संस्थानों की फिजिकल जांच कराई। जांच में पाया गया कि ये 40 शिक्षण संस्थान सिर्फ आठवीं या दसवीं तक ही मान्यता प्राप्त हैं लेकिन फिर भी इन्होंने 11वीं और 12वीं के छात्रों का नाम अपलोड किया और छात्रवृत्ति की राशि हासिल कर ली। खास बात ये है कि जिन छात्रों के नाम पर पैसा निकाला गया वे असल में किसी और स्कूल में पढ़ रहे थे।
अब शुरू हुई गहराई से जांच, हो सकते हैं और भी खुलासे
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। ये भी देखा जा रहा है कि कहीं इस फर्जीवाड़े में विभाग के कुछ अधिकारी या कर्मचारियों की मिलीभगत तो नहीं थी। शुरुआती जांच के बाद अब अन्य जिलों में भी इसी तरह के मामलों की जांच शुरू की जा सकती है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस तरह के और भी घोटाले सामने आ सकते हैं क्योंकि यह पूरा सिस्टम ऑनलाइन पोर्टल के जरिए चलता है और जहां तकनीक होती है वहां फर्जीवाड़े की गुंजाइश भी बढ़ जाती है।
