INS Tamal: आज भारतीय नौसेना के लिए ऐतिहासिक दिन है क्योंकि रूस के कालिनिनग्राद में एक भव्य समारोह में आईएनएस तमाल को नौसेना में शामिल कर लिया गया है। इस कार्यक्रम में वेस्टर्न नेवल कमांड के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल संजय जे सिंह मुख्य अतिथि रहे। इस समारोह में भारत और रूस के कई वरिष्ठ रक्षा अधिकारी मौजूद थे। तमाल सिर्फ एक जंगी जहाज नहीं है बल्कि यह भारत-रूस की गहरी दोस्ती का प्रतीक भी बन गया है। इस युद्धपोत का नाम ‘तमाल’ देवताओं के राजा इंद्र की तलवार से प्रेरित है। यह अरब सागर और पश्चिमी हिंद महासागर में तैनात रहेगा और भारत की समुद्री सीमाओं की निगरानी करेगा।
तमाल के घातक हथियारों ने बढ़ाई दुश्मनों की चिंता
तमाल की लंबाई 125 मीटर है और इसका वजन करीब 3,900 टन है। यह आधुनिक हथियारों और मिसाइलों से लैस है जिसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जैसी स्वदेशी ताकत शामिल है। इसमें ‘श्टिल’ वर्टिकल लॉन्च एयर डिफेंस सिस्टम भी है जो क्रूज मिसाइल, हेलिकॉप्टर और समुद्री लक्ष्यों को ध्वस्त कर सकता है। इसके अलावा ‘ए-190-01’ 100 मिमी नौसेना तोप और AK-630 क्लोज-इन वेपन सिस्टम (CIWS) इसे ड्रोन और एंटी-शिप मिसाइल से भी बचाने में सक्षम बनाते हैं। CIWS एक मिनट में 5000 राउंड फायर कर सकता है। यह युद्धपोत कामोव-28 और कामोव-31 जैसे हेलिकॉप्टर्स को भी संचालित कर सकता है।
#Tamal
Commissioning Ceremony Today – #01Jul 25The ship’s motto, ‘Sarvada Sarvatra Vijaya’ (Victorious Always Everytime) signifies the #IndianNavy’s undying commitment to operational excellence in every mission, complementing its motto ‘Combat Ready, Credible, Cohesive and… https://t.co/5wBLJxzArG pic.twitter.com/bjLQHLtdPT
— SpokespersonNavy (@indiannavy) July 1, 2025
तमाल की रफ्तार और टेक्नोलॉजी ने बनाया इसे खास
तमाल 30 नॉट्स से अधिक की रफ्तार पकड़ सकता है और 450 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने वाले क्रूज मिसाइल से लैस है। इसका अगली पीढ़ी का इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड सिस्टम दिन और रात में लक्ष्य को ट्रैक करने में मदद करता है। पनडुब्बियों को नष्ट करने के लिए इसमें हैवीवेट टॉरपीडो और RBU-6000 रॉकेट लॉन्चर मौजूद हैं। इसमें भारत द्वारा विकसित DRDO और BEL का HUMSA NG MK-II सोनार सिस्टम भी है। यह युद्धपोत 33 से अधिक स्वदेशी प्रणालियों से लैस है जिनमें ब्रह्मोस एयरोस्पेस, बेल, केल्ट्रॉन, टाटा की नोवा सिस्टम्स और जॉनसन कंट्रोल्स इंडिया जैसी कंपनियां शामिल हैं।
तमाल बना भारत-रूस की दोस्ती का मजबूत प्रतीक
तमाल रूस की यांतर शिपयार्ड में बना है और यह भारतीय नौसेना का आखिरी विदेशी निर्मित युद्धपोत है। 2016 में भारत और रूस के बीच 21,000 करोड़ रुपये का समझौता हुआ था जिसमें चार स्टेल्थ फ्रिगेट्स बनाने की बात हुई थी। तमाल और तुशील रूस में बनाए गए जबकि बाकी दो जहाज गोवा शिपयार्ड में बन रहे हैं। इन चारों के शामिल होने के बाद नौसेना के पास दस फ्रिगेट्स होंगे जो चार अलग-अलग लेकिन समान श्रेणियों में होंगे। तमाल के 250 से अधिक चालक दल के सदस्यों को सेंट पीटर्सबर्ग और कालिनिनग्राद में ठंडे मौसम में ऑपरेशन, समुद्री युद्ध और हथियार परीक्षण जैसी कड़ी ट्रेनिंग दी गई। तमाल का शुभंकर ‘जांबवान’ है जो भारतीय पौराणिक कथाओं के भालू राजा और रूस के यूरेशियन ब्राउन बियर से प्रेरित है। इसके जवान खुद को ‘द ग्रेट बेयर्स’ कहकर गर्व महसूस करते हैं।
