Bangladesh Hindu Girl Rape: दरिंदगी के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया को लगाई फटकार

Bangladesh Hindu Girl Rape: दरिंदगी के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया को लगाई फटकार

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Bangladesh Hindu Girl Rape: बांग्लादेश में एक बार फिर हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया है। इस बार कोमिल्ला जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक 21 वर्षीय हिंदू लड़की के साथ न केवल गैंगरेप किया गया बल्कि उसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। घटना के बाद पूरे बांग्लादेश में आक्रोश फैल गया है और विशेष रूप से विश्वविद्यालयों के छात्रों ने न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।

छात्रों का सड़क पर उतरना

ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने इस घटना के विरोध में एकजुटता दिखाई है। खासकर जगन्नाथ हॉल के छात्र, जो अल्पसंख्यकों को समर्पित हॉस्टल है, उन्होंने मोमबत्तियां जलाकर और मार्च निकालकर अपना गुस्सा जाहिर किया। छात्रों ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक दोषियों को सख्त सजा नहीं मिलती, वे चुप नहीं बैठेंगे। इस घटना ने बांग्लादेश की युवा पीढ़ी को भी झकझोर दिया है।

मुख्य आरोपी समेत 5 गिरफ्तार

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने अब तक कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें मुख्य आरोपी 36 वर्षीय फजोर अली भी शामिल है, जो एक स्थानीय नेता बताया जा रहा है। उसे ढाका के सईदाबाद इलाके से पकड़ा गया। इसके अलावा चार और लोगों को सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान और तस्वीरें वायरल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि जांच तेज़ी से की जा रही है और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।

हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी

इस मामले में बांग्लादेश की हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है और सरकार को तुरंत सोशल मीडिया से वायरल वीडियो हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उसे तुरंत चिकित्सीय सहायता दी जाए। दो जजों की पीठ ने स्पष्ट किया कि महिलाओं के खिलाफ इस तरह की घटनाएं केवल कानून व्यवस्था ही नहीं, बल्कि समाज की संवेदनशीलता पर भी सवाल उठाती हैं।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति चिंताजनक

यह कोई पहली घटना नहीं है जब बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है। बीते कुछ महीनों में वहां मंदिरों पर हमले, हिंदू घरों में आगजनी और नौकरियों से जबरन इस्तीफे की घटनाएं सामने आई हैं। शेख हसीना सरकार के पतन के बाद देश में कट्टरपंथी ताकतें सिर उठाने लगी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने भी एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि मौजूदा यूनुस प्रशासन अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा रोकने में नाकाम रहा है।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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