MT Yi Cheng 6 Fire Incident: इंजन में लगी आग और जहाज में अंधेरा, संकट की लहरों को चीरकर पहुंची भारतीय नौसेना

MT Yi Cheng 6 Fire Incident: इंजन में लगी आग और जहाज में अंधेरा, संकट की लहरों को चीरकर पहुंची भारतीय नौसेना

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MT Yi Cheng 6 Fire Incident: गर्मियों के इस मौसम में ओमान की खाड़ी से एक ऐसा संकटपूर्ण समाचार आया जिसने हर किसी का ध्यान खींचा। एमटी यी चेंग 6 नाम का जहाज, जो गुजरात के कांडला से ओमान के शिनास बंदरगाह जा रहा था, अचानक इंजन रूम में आग लगने से संकट में फंस गया। इस जहाज पर 14 भारतीय क्रू सदस्य सवार थे। जैसे ही मदद की पुकार भेजी गई, भारतीय नौसेना का स्टेल्थ फ्रिगेट INS टबर तुरंत हरकत में आया।

आग और अंधेरे के बीच फंसा जहाज

INS टबर को जैसे ही यह डिस्ट्रेस कॉल मिली, पता चला कि जहाज में इंजन रूम में बड़ी आग लगी है और जहाज में पूरी तरह से पावर फेल हो चुका है। न केवल जहाज जल रहा था बल्कि उसमें लाइट तक नहीं थी। पूरी तरह से अंधेरे और गर्मी में फंसे क्रू के लिए यह स्थिति जानलेवा हो सकती थी। समय की नजाकत को समझते हुए INS टबर ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

हवा और पानी दोनों रास्तों से पहुंची मदद

INS टबर के वीर नौसैनिकों ने समुद्र में तैरते हुए जहाज तक न केवल नावों के माध्यम से मदद पहुंचाई बल्कि हेलिकॉप्टर की सहायता से भी फायरफाइटिंग उपकरण और टीमें भेजीं। कुल 13 नौसेना कर्मी और 5 जहाज के क्रू सदस्य आग बुझाने में जुट गए। कुछ ही समय में आग की तीव्रता काफी हद तक कम कर दी गई। यह भारतीय नौसेना की तत्परता और कुशलता का जीता-जागता प्रमाण है।

भारतीय क्रू को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता

जहाज पर मौजूद सभी 14 भारतीय क्रू सदस्यों की सुरक्षा भारतीय नौसेना की पहली प्राथमिकता रही। आग बुझाने के साथ-साथ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने की भी पूरी तैयारी की गई थी। INS टबर का यह मिशन न सिर्फ तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि यह मानवता और कर्तव्य का भी प्रतीक बना। इस तरह का रेस्क्यू ऑपरेशन अंतरराष्ट्रीय जल में भारत की बढ़ती शक्ति को दर्शाता है।

नौसेना ने फिर दिखाया साहस और सेवा भाव

INS टबर का यह ऑपरेशन यह दर्शाता है कि भारतीय नौसेना न केवल युद्ध के समय बल्कि संकट की हर घड़ी में मानवता की रक्षा के लिए खड़ी रहती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस कदम की सराहना की जा रही है और भारत के समुद्री सुरक्षा तंत्र की मजबूती को फिर एक बार पहचान मिली है। इस बहादुरी और तत्परता ने एक बड़ा हादसा होने से टाल दिया।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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