Uttarakhand Accident: रुड़की से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जहां एक युवती को चलते-चलते एक तेज रफ्तार कार ने कुचल दिया। यह हादसा सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र में हुआ। बारिश हो रही थी और युवती छाता लेकर ऑफिस जा रही थी। तभी अचानक एक कार ने उसे टक्कर मारी। पहले तो लगा कि कार रुक जाएगी लेकिन तभी वह तेज़ी से आगे बढ़ी और युवती को बुरी तरह कुचलते हुए निकल गई। घटना का वीडियो भी सामने आया है जो बेहद दर्दनाक है और जिसने हर किसी को झकझोर दिया है।
मौके पर ही तोड़ दिया दम, पुलिस ने संभाला मोर्चा
हादसे के बाद युवती की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस को जब इस हादसे की जानकारी मिली तो टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और युवती की पहचान की जा रही है। पुलिस ने दुर्घटना में शामिल कार को जब्त कर लिया है लेकिन कार चालक फरार बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। इस दर्दनाक हादसे के बाद स्थानीय लोगों में भी आक्रोश है और सड़क पर सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
रुद्रप्रयाग में यात्रियों से भरी बस गिरी अलकनंदा में
उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जिला भी एक और बड़े हादसे का गवाह बना। यहां राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से बदरीनाथ धाम जा रहे तीर्थयात्रियों की बस अलकनंदा नदी में गिर गई। हादसा इतना भयानक था कि बस के कई हिस्से बह गए। अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और बाकी यात्रियों की तलाश जारी है। इस दुर्घटना ने श्रद्धा और यात्रा के बीच खड़े खतरों को उजागर कर दिया है।
150 किलोमीटर दूर मिला एक शव, रेस्क्यू अभियान जारी
इस हादसे में जो बात सबसे चौंकाने वाली रही वह यह कि एक शव घटना स्थल से करीब 150 किलोमीटर दूर हरिद्वार में मिला। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नदी की तेज धार और हादसे की भयावहता कितनी भयानक थी। बताया जा रहा है कि बस में कुल 20 लोग सवार थे, जिनमें से अधिकांश श्रद्धालु थे। हादसे के वक्त बस बदरीनाथ की ओर जा रही थी। रेस्क्यू टीमें अलर्ट पर हैं और लगातार तलाश अभियान जारी है।
सवालों के घेरे में सिस्टम, कब मिलेगा सुरक्षित सफर
दोनों ही घटनाओं ने एक बार फिर हमारे ट्रैफिक सिस्टम और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ तेज रफ्तार वाहन सड़क पर चलते आम लोगों की जान ले रहे हैं, दूसरी तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा के दौरान वाहन दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। प्रशासन की ओर से हर बार जांच और कार्रवाई की बात कही जाती है लेकिन हादसों की संख्या कम नहीं हो रही। आम जनता अब यही सवाल पूछ रही है कि आखिर कब मिलेगा उन्हें सुरक्षित और भरोसेमंद सफर?
