Puri Jagannath Ratha Yatra Stampede: 29 जून 2025 की सुबह पुरी (ओडिशा) में भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के दौरान एक दुखद हादसा हो गया। गुंडिचा मंदिर के पास भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई जिसमें 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हादसा सुबह 4 से 5 बजे के बीच हुआ जब हजारों लोग रथ यात्रा के दर्शन के लिए जमा थे। इसी दौरान दो धार्मिक ट्रकों के अचानक भीड़ में घुसने से अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे और इसी भगदड़ में कई लोग दब गए। इस हादसे ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख और की बड़ी कार्रवाई
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने हादसे पर गहरा शोक जताया और मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके साथ ही प्रशासनिक स्तर पर भी बड़ी कार्रवाई की गई है। पुरी डीसीपी विष्णु चरण पाटी और पुलिस कमांडेंट अजय पाधी को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं कलेक्टर सिद्धार्थ एस स्वैन और एसपी बिनीत अग्रवाल का तबादला कर दिया गया है। राज्य सरकार ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और डीजीपी वाईबी खुरानिया को मौके पर भेजा गया है ताकि वे स्थिति का जायजा ले सकें। बताया जा रहा है कि गुंडिचा मंदिर के पास रथ यात्रा में यह पहला ऐसा हादसा है जिसमें इतनी गंभीर स्थिति बनी।
#WATCH | Puri, Odisha: Swadhin Kumar Panda, a resident of Puri, says, "I was there near the temple till 2-3 am last night, but the management was not good. A new way was made for VIPs, and common people were asked to exit from a distance. People started exiting from the entrance… https://t.co/jFE36gLDfu pic.twitter.com/6Ln6348Eoy
— ANI (@ANI) June 29, 2025
मृतकों की पहचान और चश्मदीदों की चौंकाने वाली बातें
इस हादसे में जिन लोगों की जान गई है उनकी पहचान प्रेमकांत मोहंती (80), बसंती साहू (36) और प्रभाती दास (42) के रूप में हुई है। चश्मदीदों का कहना है कि यह हादसा प्रशासन की लापरवाही और वीआईपी व्यवस्था के कारण हुआ। स्थानीय निवासी स्वाधीन कुमार पंडा ने ANI से बातचीत में बताया कि रात 2-3 बजे तक वह मंदिर के पास ही थे लेकिन भीड़ संभालने के लिए कोई अच्छा इंतजाम नहीं था। वीआईपी के लिए नया रास्ता बनाया गया और आम लोगों को दूर से बाहर जाने को कहा गया। इसी कारण लोगों की आवाजाही में गड़बड़ी हुई और भगदड़ मच गई। पंडा ने कहा कि वाहन व्यवस्था भी ठीक नहीं थी और बिना अनुमति वाले वाहन भी मंदिर के पास तक आ गए थे।
‘सरकार सच छुपा रही है’, प्रशासन पर उठा सवाल
स्वाधीन कुमार पंडा ने यह भी आरोप लगाया कि कई बार पहले भी रथ यात्रा के दिन मौतें हुई हैं लेकिन प्रशासन ने कभी इसे सार्वजनिक नहीं किया। उन्होंने कहा कि आज तीन लोगों की मौत हुई है जिनमें दो महिलाएं और एक पुरुष हैं। लेकिन प्रशासन और पुलिस की बड़ी लापरवाही यह है कि रात में वहां कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था। एग्जिट गेट पर सबसे ज्यादा भीड़ थी और वहीं से भगदड़ की शुरुआत हुई। ऐसे आयोजनों में जहां लाखों लोग पहुंचते हैं वहां बिना पूर्व योजना और बिना सख्त निगरानी के ऐसी घटनाएं होना तय है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस हादसे से क्या सबक लेती है और आगे क्या कदम उठाएगी।
