Mann Ki Baat episode 123: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 123वां “मन की बात” कार्यक्रम रविवार 29 जून को प्रसारित हुआ। देशभर में 22 भाषाओं में प्रस्तुत होने वाला यह कार्यक्रम हमेशा की तरह इस बार भी कई अहम मुद्दों को छू गया। कार्यक्रम की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से हुई। पीएम मोदी ने बताया कि इस बार योग दिवस पहले से भी ज़्यादा भव्य और प्रेरणादायक रहा। उन्होंने तेलंगाना में दिव्यांगजनों के योग अभ्यास से लेकर कश्मीर में सैनिकों द्वारा किए गए योग की चर्चा की। इसी क्रम में उन्होंने आम लोगों से अपील की कि खाने में तेल की मात्रा 10 प्रतिशत तक घटाएं और स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। साथ ही, उन्होंने देशवासियों से स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की और कहा कि ग्राहक स्थानीय चीजें खरीदें और दुकानदार उन्हें बेचें।
आपदा से सीख, आपसी सहयोग का संदेश
मन की बात में प्रधानमंत्री ने उन लोगों की सराहना की जो तीर्थ यात्रियों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कैलाश पर्वत और अमरनाथ यात्रा का उल्लेख किया और बताया कि इस बार अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है। प्रधानमंत्री ने यात्रियों को शुभकामनाएँ दीं और उनकी सेवा में लगे लोगों की सराहना की। इसी क्रम में उन्होंने असम के बोडोलैंड क्षेत्र में हुए फुटबॉल टूर्नामेंट का ज़िक्र किया जिसमें हजारों टीमों ने हिस्सा लिया। कभी संघर्ष के लिए जाना जाने वाला बोडोलैंड अब खेलों और सामाजिक विकास के जरिए देश की मुख्यधारा में आ गया है। ये उदाहरण दिखाते हैं कि देश में बदलाव आ रहा है और लोग अपने प्रयासों से सामाजिक उन्नति की ओर बढ़ रहे हैं।
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— Narendra Modi (@narendramodi) June 29, 2025
भारत को मिली अंतरराष्ट्रीय मान्यता, WHO और ILO की तारीफ
प्रधानमंत्री ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने भारत की उपलब्धियों की सराहना की है। कभी देश में आम होने वाली नेत्र रोग “ट्रैकोमा” को अब भारत ने पूरी तरह समाप्त कर दिया है। इस रोग के चलते लोग अंधे तक हो जाते थे लेकिन केंद्र सरकार ने इसके इलाज और कारणों के उन्मूलन के लिए ठोस प्रयास किए। अब WHO ने भारत को ट्रैकोमा मुक्त घोषित कर दिया है। साथ ही ILO की रिपोर्ट के अनुसार अब भारत में 64 प्रतिशत लोग किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं जबकि 2014 से पहले ये आंकड़ा बहुत कम था। प्रधानमंत्री ने इसे देश के लिए गर्व की बात बताया। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि योजनाएं अब सीधे जरूरतमंदों तक पहुंच रही हैं।
आपातकाल की याद, आत्मबल की मिसाल और प्रेरणादायक कहानियाँ
प्रधानमंत्री ने आपातकाल की भयावह यादों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि उस दौर में अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचल दिया गया था और जनता पर अत्याचार किए गए थे। लेकिन देश की जनता झुकी नहीं और जैसे ही आपातकाल समाप्त हुआ, जिसने उसे थोपा था उन्हें चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि हमें उन लोगों को याद रखना चाहिए जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया ताकि हमें अपने संविधान की रक्षा की प्रेरणा मिलती रहे। पीएम मोदी ने मेघालय की एरी सिल्क की भी चर्चा की जिसे हाल ही में GI टैग मिला है। इसकी खासियत ये है कि इसे बनाने में रेशम कीटों को मारा नहीं जाता। पीएम ने कहा कि ये कपड़ा सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडा रखता है। उन्होंने लोगों से इसे अपनाने की अपील की। इसके अलावा, उन्होंने अहमदाबाद में बने सिंदूर वन, पुणे के परिवार द्वारा जंगल बचाने के प्रयास और मध्य प्रदेश की महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियाँ साझा कीं। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने देश के स्पेस मिशन और शुभांशु शुक्ला की सराहना कर युवाओं को नवाचार की प्रेरणा दी।
