Panchang: 28 जून 2025 का पंचांग बताता है तृतीया तिथि, शनिवार और वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत

Panchang: 28 जून 2025 का पंचांग बताता है तृतीया तिथि, शनिवार और वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत

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Panchang: 28 जून 2025 शनिवार का दिन है और यह आशाढ़ शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। यह तिथि सुबह 9:55 बजे तक रहेगी, उसके बाद चतुर्थी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। इस दिन का योग है हर्षण योग, जो शाम 7:15 बजे तक बना रहेगा। साथ ही, अश्लेषा नक्षत्र भी पूरे दिन और रात भर बना रहेगा और अगले दिन 29 जून की सुबह 6:34 बजे तक रहेगा। इस दिन विशेष बात यह है कि वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत भी रखा जाता है, जो अपने आप में बहुत शुभ माना जाता है।

राहुकाल का समय और इसका महत्व

28 जून को विभिन्न शहरों में राहुकाल के अलग-अलग समय होंगे। दिल्ली में राहुकाल सुबह 8:55 बजे से 10:39 बजे तक रहेगा। मुंबई में यह समय थोड़ा बाद में है, जो 9:23 बजे से 11:02 बजे तक रहेगा। चंडीगढ़ में राहुकाल सुबह 8:54 बजे से 10:40 बजे तक रहेगा। लखनऊ के लिए यह समय 8:42 बजे से 10:26 बजे तक है। भोपाल में राहुकाल सुबह 9:00 बजे से 10:41 बजे तक रहेगा। कोलकाता में राहुकाल सुबह 8:17 बजे से 9:58 बजे तक रहेगा। अहमदाबाद में यह समय 9:19 से 11:01 बजे तक और चेन्नई में 8:59 से 10:35 बजे तक होगा। राहुकाल को किसी भी शुभ कार्य के लिए उचित समय नहीं माना जाता इसलिए इस दौरान कोई भी महत्वपूर्ण काम टालना चाहिए।

Panchang: 28 जून 2025 का पंचांग बताता है तृतीया तिथि, शनिवार और वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत

शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व

आज का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:57 बजे से दोपहर 12:52 बजे तक रहेगा, जो कि दिन के बीच का सबसे शुभ समय माना जाता है। इस समय में किए गए काम फलदायी होते हैं। साथ ही, आज वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत भी रखा जा रहा है, जो भगवान गणेश की आराधना का विशेष दिन है। इस व्रत को रखने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में खुशहाली आती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधिपूर्वक करने से मनोवांछित फल मिलता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

28 जून को सूर्य सुबह 5:26 बजे उगेगा और शाम 7:23 बजे अस्त होगा। यह समय दर्शाता है कि दिन काफी लंबा है और प्रकृति की छटा बिखरी हुई है। सूर्योदय और सूर्यास्त का सही समय जानना किसी भी धार्मिक और सामाजिक कार्य के लिए जरूरी होता है। इसी के अनुसार लोग अपने दिनचर्या और पूजा-अर्चना का समय निर्धारित करते हैं। इस दिन के पंचांग के अनुसार हर काम में सफलता मिलने की संभावना अधिक है, इसलिए दिन को शुभ और मंगलमय बनाने के लिए पूजा-पाठ और सत्संग का आयोजन भी किया जा सकता है।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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