Karnataka के चामराजनगर जिले के माले महादेवर हिल्स वाइल्डलाइफ सेंचुरी से एक दुखद खबर आई है। यहां एक मादा बाघ और उसके चार नन्हे बच्चे मृत पाए गए हैं। इस खबर ने वन विभाग और स्थानीय लोगों को सदमे में डाल दिया है। वन मंत्री ईश्वर खंडे ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक आशंका यह जताई जा रही है कि ये सभी बाघ ज़हर की वजह से मारे गए हैं, हालांकि असली मौत की वजह पोस्टमॉर्टम और जांच के बाद ही सामने आएगी।
कर्नाटक में बाघों की संख्या और उनसे बढ़ते संघर्ष
कर्नाटक में बाघों की संख्या 563 है जो इसे मध्य प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर रखती है। यह संख्या वन्यजीवन संरक्षण के लिहाज से अच्छी मानी जाती है लेकिन बाघों और इंसानों के बीच संघर्ष भी लगातार बढ़ रहा है। खासतौर पर गांवों में बाघ पशुओं पर हमला कर रहे हैं, जिससे ग्रामीण परेशान हैं। कई बार जानवरों के शिकार होने के बाद ग्रामीण ज़हर और जाल लगाकर बाघों को खत्म करने की कोशिश करते हैं। इस बार भी यही स्थिति लगती है। मृत बाघों के शरीर से लिए गए सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं ताकि सच्चाई पता चल सके।
बाघों को ज़हर देने का शक और वन विभाग की जांच
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मादा बाघ ने कुछ दिन पहले एक गाय को मार डाला था। इसी के बाद गांव वालों ने बाघ और उसके बच्चों को मारने के लिए ज़हर दिया हो सकता है। अधिकारियों का मानना है कि बाघों को ज़हर लगी हुई कोई चीज खिलाई गई जिससे उनकी मौत हुई। यह मामला बहुत ही गंभीर है क्योंकि बाघों की प्रजाति पहले से ही खतरे में है और उनकी रक्षा करना सभी का कर्तव्य है। इस कारण वन मंत्री ने जांच के लिए उच्च अधिकारियों को आदेश दिए हैं ताकि दोषियों को सजा मिल सके।
वन मंत्री ईश्वर खंडे का दुख और जांच के आदेश
वन मंत्री ईश्वर खंडे ने इस दुखद घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि माले महादेवर हिल्स में एक साथ पांच बाघों की मौत अत्यंत शर्मनाक और चिंताजनक है। खासकर जब इसमें एक मादा बाघ और उसके चार बच्चे शामिल हों तो यह और भी संवेदनशील मामला बन जाता है। मंत्री ने वन विभाग के प्रमुख से बात की है और इस मामले की गंभीरता से जांच करने का आदेश दिया है। उनका कहना है कि ऐसे मामलों को छिपाया नहीं जाना चाहिए और जितनी जल्दी हो सके सच सामने आना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
