Axiom-4 Mission: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने रचा इतिहास, Axiom-4 मिशन से पहुंचे अंतरिक्ष की उड़ान

Axiom-4 Mission: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने रचा इतिहास, Axiom-4 मिशन से पहुंचे अंतरिक्ष की उड़ान

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Axiom-4 Mission: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक बार फिर भारत का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है। 40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष की यात्रा पर निकला है। शुभांशु शुक्ला और उनके तीन साथियों ने बुधवार रात भारतीय समयानुसार 12 बजकर 1 मिनट पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर उड़ान भरी। इस मिशन को अमेरिका की निजी स्पेस कंपनी SpaceX और Axiom Space के सहयोग से लॉन्च किया गया। शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका में हैं और यह मिशन फाल्कन 9 रॉकेट से शुरू हुआ है।

कौन-कौन है इस मिशन में साथ

इस मिशन की कमान अमेरिका की अनुभवी महिला अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन संभाल रही हैं जो NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री भी रह चुकी हैं और अब Axiom Space में मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की निदेशक हैं। शुभांशु शुक्ला इस टीम के पायलट हैं। इनके साथ हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपू और पोलैंड के स्लावोज़ उज़नास्की-विस्निवेस्की मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में शामिल हैं। इस तरह से यह चार सदस्यीय टीम नए SpaceX ड्रैगन यान में सवार होकर अंतरिक्ष की ओर रवाना हुई है।

Axiom-4 Mission: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने रचा इतिहास, Axiom-4 मिशन से पहुंचे अंतरिक्ष की उड़ान

कब होगा स्पेस डॉकिन्ग

NASA की ओर से जारी बयान के अनुसार, अंतरिक्ष यान की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डॉकिन्ग गुरुवार 26 जून को भारतीय समयानुसार शाम 4 बजकर 30 मिनट पर होगी। इस प्रक्रिया के बाद ये चारों अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष स्टेशन पर उतरेंगे और वहां शोध व तकनीकी गतिविधियों में भाग लेंगे। स्पेस डॉकिन्ग एक अत्यंत जटिल तकनीक होती है जिसमें दो तेज़ी से चल रहे यानों को एक ही कक्षा में लाकर आपस में जोड़ना होता है। यह मिशन वैज्ञानिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

40 साल बाद अंतरिक्ष में भारतीय

शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे ऐसे व्यक्ति बन गए हैं जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की है। उनसे पहले 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने रूस के सायूज़ यान में सवार होकर अंतरिक्ष की यात्रा की थी। इस मिशन के ज़रिए भारत की अंतरिक्ष तकनीक में बढ़ती भागीदारी का उदाहरण सामने आया है। ISRO के सहयोग से हुए इस मिशन ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष मंच पर एक बार फिर मज़बूती से खड़ा कर दिया है। शुभांशु की यह यात्रा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में नए दरवाज़े खोलेगी।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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