Shubman Gill Record: जैसे ही शुभमन गिल ने भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी संभाली वैसे ही उन्होंने एक जोरदार शतक जड़ दिया। इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में खेले जा रहे मैच में उन्होंने पहली पारी में शानदार 147 रन बनाए। हालांकि दूसरी पारी में उनका बल्ला नहीं चला और वह सिर्फ 8 रन बनाकर आउट हो गए। बावजूद इसके उन्होंने एक ऐसा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है जिसमें उन्होंने भारत के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर को भी पीछे छोड़ दिया है। इस रिकॉर्ड में विराट कोहली फिलहाल पहले नंबर पर बने हुए हैं और शायद आने वाले कई सालों तक वही टॉप पर रहेंगे।
कप्तान बनते ही पहले टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी
शुभमन गिल ने अपने पहले टेस्ट कप्तानी मैच में कुल 155 रन बनाए। इससे पहले इस लिस्ट में पहले स्थान पर विराट कोहली हैं जिन्होंने टेस्ट कप्तानी संभालते ही अपने पहले मैच में 256 रन बनाए थे। उन्होंने उस मैच की पहली पारी में 115 और दूसरी पारी में 141 रन ठोके थे। दूसरे स्थान पर हैं विजय हजारे जिन्होंने सिर्फ एक ही पारी में 164 रन बनाए थे। अब शुभमन गिल इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने गावस्कर को पीछे छोड़ दिया है जिन्होंने अपने पहले कप्तानी टेस्ट में 151 रन बनाए थे। गिल की पहली पारी का शतक और कुल प्रदर्शन वाकई काबिले तारीफ है।
गावस्कर चौथे और वेंगसरकर पांचवें स्थान पर खिसके
सुनील गावस्कर, जिन्हें भारतीय क्रिकेट का महान बल्लेबाज माना जाता है, अब इस लिस्ट में चौथे स्थान पर खिसक गए हैं। अपने पहले कप्तानी टेस्ट मैच में उन्होंने पहली पारी में 116 और दूसरी पारी में नाबाद 35 रन बनाए थे। वहीं दिलीप वेंगसरकर ने अपने पहले कप्तानी टेस्ट में पहली पारी में सिर्फ 10 रन बनाए लेकिन दूसरी पारी में शानदार 102 रन जड़े और कुल 112 रन बनाए थे। ये सभी आंकड़े बताते हैं कि भारत को अच्छे कप्तान-बल्लेबाज मिलते रहे हैं और शुभमन गिल भी उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
क्या टीम इंडिया को जीत दिला पाएंगे शुभमन गिल?
शतक और रिकॉर्ड तो ठीक हैं लेकिन असली बात यह होगी कि क्या शुभमन गिल कप्तान के तौर पर अपनी पहली टेस्ट जीत हासिल कर पाएंगे। इस टेस्ट मैच में अभी दो दिन का खेल बाकी है लेकिन फिलहाल भारत की स्थिति जीत के बहुत करीब नहीं लग रही। हां, अगर इंग्लैंड की टीम बहुत खराब खेलती है तो भारत के पास मौका बन सकता है। ऐसे में शुभमन के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वे न सिर्फ व्यक्तिगत प्रदर्शन करें बल्कि टीम को जीत भी दिलाएं। अगर ऐसा हो जाता है तो यह उनके करियर की एक शानदार शुरुआत मानी जाएगी।
