Panchang: 22 जून 2025 दिन रविवार को आशाढ़ कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। यह तिथि दोपहर 1 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जाएगी। रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है और यह दिन पूजन और उपासना के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से सूर्य देव की आराधना करने से स्वास्थ्य और आत्मबल में वृद्धि होती है। आज के दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी कई शुभ संकेत दे रही है जो दिन को और खास बनाती है।
शुभ योग और नक्षत्रों का विशेष संयोग
आज के दिन एक विशेष योग बन रहा है जिसे ‘सुकर्मा योग’ कहा जाता है। यह योग दोपहर 4 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना फलदायी रहेगा। सुकर्मा योग को सफलता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। वहीं, आज ‘भरणी नक्षत्र’ भी रहेगा जो शाम 5 बजकर 39 मिनट तक प्रभावी रहेगा। भरणी नक्षत्र को कर्म और परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है। इस नक्षत्र में किए गए कामों में स्थायित्व आता है और कार्यों में अड़चनें दूर होती हैं। आज रात 9 बजकर 32 मिनट पर बुध ग्रह कर्क राशि में प्रवेश करेंगे जो संचार, व्यापार और मानसिक संतुलन पर प्रभाव डालेगा।
अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल की जानकारी
22 जून को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इस समय को अत्यंत शुभ माना जाता है और किसी भी महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत के लिए यह मुहूर्त सर्वोत्तम माना गया है। वहीं राहुकाल का समय हर शहर में अलग-अलग होता है। दिल्ली में राहुकाल शाम 5:37 से 7:22 बजे तक रहेगा। मुंबई में यह समय शाम 5:39 से 7:18 तक रहेगा। कोलकाता में राहुकाल शाम 4:42 से 6:24 बजे तक है और चेन्नई में शाम 5:01 से 6:37 बजे तक। इस समय में किसी भी शुभ कार्य से बचना चाहिए क्योंकि राहुकाल को अशुभ काल माना जाता है।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय: दिनभर के कार्यों की सही शुरुआत
आज सूर्योदय सुबह 5 बजकर 24 मिनट पर होगा और सूर्यास्त शाम 7 बजकर 22 मिनट पर। इन समयों के अनुसार दिन की शुरुआत और अंत दोनों ही सकारात्मक ऊर्जा के साथ होंगे। यदि आप पूजन, दान या कोई विशेष कार्य की योजना बना रहे हैं तो सूर्योदय से लेकर सुकर्मा योग और अभिजीत मुहूर्त के समय का लाभ ज़रूर उठाएं। ग्रह-नक्षत्रों की आज की स्थिति इस ओर इशारा कर रही है कि यदि सही समय पर कार्य शुरू किए जाएं तो वे अवश्य सफल होंगे। इस तरह 22 जून का दिन ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद फलदायक है जिसे धार्मिक, सामाजिक और निजी स्तर पर उपयोग किया जा सकता है।
