अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने उधमपुर में भारतीय सेना के जवानों के साथ योग किया। इस दौरान उन्होंने सिर्फ शरीर के योग की बात नहीं की बल्कि समाज और विचार के स्तर पर योग करने का संदेश भी दिया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के खिलाफ न सिर्फ एक आतंकी हमला किया गया बल्कि हमारी सामाजिक और सांप्रदायिक एकता को भी निशाना बनाया गया था। मगर हमारी सेना ने न सिर्फ दुश्मन की योजना को नाकाम किया बल्कि ऐसा जवाब दिया कि पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर होना पड़ा। राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है।
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को मिला करारा जवाब
Rajnath Singh ने अपने संबोधन में बताया कि “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब नहीं था। इस ऑपरेशन के जरिए हमने पाकिस्तान को ये साफ संदेश दिया कि अब भारत में आतंक फैलाने की उनकी हर कोशिश का अंजाम बहुत भारी पड़ेगा।” उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की एयर स्ट्राइक का ही अगला चरण है। पाकिस्तान लंबे समय से भारत को हजारों जख्म देने की साजिश करता रहा है लेकिन अब भारत हर हमले का जवाब देगा और ऐसी कीमत वसूलेगा जो पाकिस्तान को लंबे समय तक याद रहेगी। भारत अब आतंकवाद के खिलाफ हर प्रकार की कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है।
ब्रिगेडियर उस्मान और मेजर सोमनाथ शर्मा को दी श्रद्धांजलि
अपने भाषण में रक्षा मंत्री ने देश के उन वीरों को भी याद किया जिन्होंने भारत की अखंडता और एकता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान भारत को अंदर से कमजोर करना चाहता है लेकिन वह भूल रहा है कि हमारे पास मेजर सोमनाथ शर्मा जैसे वीर हैं जिन्होंने देश की एकता के लिए जान दे दी। और मैं आज जिस धरती पर खड़ा हूं, उससे कुछ ही दूरी पर नौशेरा है जहां ब्रिगेडियर उस्मान ने भारत माता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था।” राजनाथ सिंह ने कहा कि जब ऐसे महापुरुषों की शहादत हमारे इतिहास में दर्ज हो, तो कोई भी ताकत भारत की एकता को तोड़ नहीं सकती।
योग का मतलब सिर्फ शरीर नहीं, विचारों का भी मेल
राजनाथ सिंह ने योग की असली परिभाषा को लेकर भी एक गहरा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “योग का मतलब है जोड़ना। योग सिर्फ शरीर का अभ्यास नहीं है, ये समाज के हर वर्ग को भारत की संस्कृति और आत्मा से जोड़ने का माध्यम है। अगर समाज का कोई भी वर्ग इस जुड़ाव से छूट गया तो समझिए हमारी एकता की रक्षा का चक्र अधूरा रह गया।” उन्होंने सभी से अपील की कि इस योग दिवस पर हम सिर्फ शरीर का योग न करें बल्कि समाज और विचारों के स्तर पर भी योग करें। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने खुद देखा है कि हमारे जवान नियमित योग करते हैं और इससे उनकी मानसिक और शारीरिक शक्ति में काफी वृद्धि होती है। यही अनुशासन उन्हें युद्ध के मैदान में भी मजबूत बनाता है।
