‘Resilience’ का दूसरा मिशन भी नाकाम, चांद की ज़िद या तकनीक की चूक?

Resilience' का दूसरा मिशन भी नाकाम, चांद की ज़िद या तकनीक की चूक?

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जापान के चंद्र मिशन को एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है। टोक्यो की निजी कंपनी ispace का चंद्र लैंडर ‘Resilience’ शुक्रवार को चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग के दौरान क्रैश हो गया। कंपनी ने मिशन की असफलता की पुष्टि कर दी है। यह लैंडर चंद्रमा की सतह पर एक छोटा रोवर और कुछ कलात्मक सामग्री लेकर गया था लेकिन लैंडिंग से ठीक पहले इसका संपर्क टूट गया। कई घंटे तक सिग्नल मिलने का इंतजार किया गया लेकिन जब कोई जवाब नहीं आया तो इस मिशन को समाप्त घोषित कर दिया गया।

ispace की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार चंद्रमा की सतह से महज दो मिनट पहले ही लैंडर का पृथ्वी से संपर्क टूट गया था। उस समय तक मिशन की प्रक्रिया सामान्य लग रही थी और लग रहा था कि लैंडर सुरक्षित तरीके से उतरने में सफल रहेगा। लेकिन अंतिम क्षणों में सिग्नल पूरी तरह गायब हो गया। इसके बाद लॉन्च कंट्रोल टीम ने लगातार संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन कोई संदेश नहीं मिला। अंत में कंपनी ने घोषणा की कि यह मिशन अब समाप्त किया जा रहा है। ispace के सीईओ और संस्थापक ताकेशी हाकामाडा ने मिशन की विफलता पर खेद जताया और कहा कि यह उनके लिए एक बहुत बड़ा झटका है। यह कंपनी का दूसरा चंद्र मिशन था। पहला प्रयास भी दो साल पहले असफल रहा था।

Resilience' का दूसरा मिशन भी नाकाम, चांद की ज़िद या तकनीक की चूक?

लैंडर में थे खास उपकरण और एक खिलौना घर

‘रेज़िलिएंस’ नाम का यह लैंडर एक विशेष शवेल वाला रोवर लेकर गया था जिसका मकसद चंद्रमा की सतह से धूल और मिट्टी इकट्ठा करना था। इसके अलावा इस लैंडर में एक लाल रंग का खिलौना घर भी था जिसे एक स्वीडिश कलाकार ने डिजाइन किया था। इसका उद्देश्य चंद्र सतह पर कला और विज्ञान का मेल दर्शाना था। हालांकि लैंडिंग से पहले ही मिशन असफल हो जाने के कारण यह सभी उपकरण चंद्रमा की सतह पर सही तरीके से काम नहीं कर पाए। कंपनी ने कहा है कि यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगी कि दोनों बार मिशन की असफलता का कारण एक जैसा ही था या कुछ अलग तकनीकी समस्याएं रहीं।

आगे भी जारी रहेगा चंद्रमा को समझने का प्रयास

भले ही लगातार दो मिशन असफल रहे हों लेकिन ispace के सीईओ हाकामाडा ने साफ कर दिया है कि वे हार नहीं मानने वाले हैं। उन्होंने कहा कि “यह दूसरी बार है जब हम सफल लैंडिंग नहीं कर पाए हैं इसलिए हमें इस पर बहुत गंभीरता से काम करना होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी आगे भी चंद्र अभियानों पर काम जारी रखेगी और आने वाले समय में नए और बेहतर मिशनों की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने अपनी टीम और इस मिशन में सहयोग देने वाले सभी लोगों का आभार भी जताया और भरोसा दिलाया कि अगली बार वे और अधिक मजबूती से वापसी करेंगे।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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