गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर PM Narendra Modi ने अपने आवास पर एक खास सिंदूर पौधा लगाया। यह पौधा 1971 के युद्ध के दौरान अद्भुत साहस दिखाने वाली महिलाओं के एक समूह ने उन्हें उपहार स्वरूप दिया था। इस पहल को हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर से भी जोड़ा जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि यह पौधा देश की महिलाओं के साहस और प्रेरणा का एक मजबूत प्रतीक बना रहेगा।
कच्छ की महिलाओं ने दिया था यह अनमोल तोहफा
PM Modi ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि कच्छ की उन महिलाओं से उनकी हाल ही में मुलाकात हुई थी, जिन्होंने 1971 के युद्ध में असाधारण बहादुरी दिखाई थी। उन्होंने इन महिलाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए वादा किया कि वह इस सिंदूर पौधे को 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर लगाएंगे। सिंदूर पौधे का चयन विश्व पर्यावरण दिवस पर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह करने के लिए अपनी सैन्य कार्रवाई का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखा था। पारंपरिक रूप से हिंदू महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला सिंदूर उनके वैवाहिक जीवन और सुहाग का प्रतीक है।
1971 के युद्ध में साहस और पराक्रम की अद्भुत मिसाल पेश करने वाली कच्छ की वीरांगना माताओं-बहनों ने हाल ही में गुजरात के दौरे पर मुझे सिंदूर का पौधा भेंट किया था। विश्व पर्यावरण दिवस पर आज मुझे उस पौधे को नई दिल्ली के प्रधानमंत्री आवास में लगाने का सौभाग्य मिला है। यह पौधा हमारे देश… pic.twitter.com/GsHCCNBUVp
— Narendra Modi (@narendramodi) June 5, 2025
प्रधानमंत्री मोदी का पर्यावरण संरक्षण पर जोर
प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा कि हर देश को अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर वैश्विक जलवायु की रक्षा करनी होगी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का विषय प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना है और भारत पिछले चार-पाँच वर्षों से इस दिशा में लगातार काम कर रहा है। उन्होंने ‘मिशन लाइफ’ के बारे में भी बताया जो संसाधनों के समझदारी से उपयोग और टिकाऊ जीवनशैली अपनाने को बढ़ावा देता है। पीएम मोदी ने कहा कि करोड़ों लोग रोजाना की जिंदगी में ‘कम करो, दोबारा उपयोग करो और पुनर्चक्रण करो’ के मंत्र को अपना चुके हैं। उन्होंने आम जनता से आग्रह किया कि वे पर्यावरण की रक्षा के लिए और भी अधिक प्रयास करें और पर्यावरणीय चुनौतियों को मिलकर मात दें।
सिंदूर पौधे की विशेषताएं और औषधीय गुण
सिंदूर पौधे का वैज्ञानिक नाम बिक्सा ओरल्लाना है। इसे कुमकुम वृक्ष, कमिला वृक्ष या लिपस्टिक ट्री भी कहा जाता है। यह पौधा दक्षिण अमेरिका, मैक्सिको और कुछ एशियाई देशों में पाया जाता है। भारत में यह महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में उगाया जाता है। इसके फल और बीजों से एक लाल या नारंगी रंग का प्राकृतिक रंग निकलता है, जो पूरी तरह शुद्ध और रासायनिक मुक्त होता है। इस रंग का उपयोग धार्मिक आयोजनों में, भृश्त में और कॉस्मेटिक्स में किया जाता है। इसके बीजों को पीसकर सिंदूर या कुमकुम बनाते हैं। इसके अलावा यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके बीज और रस का उपयोग बुखार कम करने, मधुमेह नियंत्रित करने और रक्त शुद्धि के लिए किया जाता है। यह हृदय की ताकत बढ़ाने और रक्त संचार को बेहतर बनाने में भी सहायक होता है।
