UP News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पुलिस ने नकली NCERT किताबों के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। खटौली कोतवाली पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की संयुक्त टीम ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने करीब 1.33 लाख नकली किताबें, दो प्रिंटिंग प्रेस, वाहन और कई उपकरण बरामद किए हैं। ये नकली किताबें करीब 3 करोड़ रुपये की हैं। इस बड़ी सफलता पर ADG मेरठ ने पुलिस टीम को एक लाख रुपये का इनाम दिया है जबकि SSP ने 25,000 रुपये की प्रशंसा राशि दी है।
खटौली के भैसी गांव में छापा, बड़ी मात्रा में नकली किताबें बरामद
पुलिस की जानकारी के अनुसार रविवार को भैसी गांव में पुलिस ने छापा मारकर एक बड़े गोदाम से नकली NCERT किताबों का विशाल स्टॉक जब्त किया। गिरफ्तार आरोपियों मेंadil मेवाती, अनिल चौहान, राहुल राणा, राजू शर्मा, तराचंद, सत्येंद्र सिंगल, जावेद अख्तर और अमित सैनी शामिल हैं। पुलिस ने एक महिंद्रा थार, एक होंडा अमेज़ कार, कंटेनर, हजारों कवर, प्रिंटिंग प्लेट्स, स्याही, प्रिंटिंग मशीनें और अन्य सामग्री भी जब्त की है। यह गिरोह कई सालों से नकली किताबों का कारोबार कर रहा था।
हरियाणा के पानिपत और समालखा में लगाई गई प्रिंटिंग प्रेस
पुलिस के अनुसार इस गिरोह ने हरियाणा के पानिपत और समालखा में प्रिंटिंग प्रेस लगाकर नकली NCERT किताबें छापी। इन किताबों को भैसी गांव में एक गोदाम में जमा किया जाता था। फिर इन नकली किताबों को दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, मेरठ, शामली और करनाल जैसे जिलों में सप्लाई किया जाता था। यह गिरोह सालों से इस अवैध कारोबार में सक्रिय था। गिरोह के मुखिया अदिल मेवाती पहले भी मेरठ जेल जा चुका है इसी तरह के अपराध में।
सरकार को भारी आर्थिक नुकसान, दर्ज हुई कई धाराओं में मामला
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि इस गिरोह ने सरकार को करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। इनके खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत और कॉपीराइट एक्ट की धारा 63/65 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। नकली किताबें कक्षा 9 से 12वीं तक की थीं। इन किताबों में वाटरमार्क, स्याही और कागज की गुणवत्ता बहुत खराब थी। असली NCERT किताबों के मुकाबले इन किताबों का पेपर 80 GSM के बजाय कम गुणवत्ता वाला था। अब पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर आगे की जांच कर रही है ताकि पूरे गिरोह को पकड़ा जा सके।
