Stock Market Today: आज सोमवार, 2 जून 2025 को सप्ताह के पहले ट्रेडिंग दिन की शुरुआत एक बड़ी गिरावट के साथ हुई है। जैसे ही सुबह लगभग 9:15 बजे बाजार खुला, सेंसेक्स में 644.76 अंक यानी 0.74 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई और यह 80,855.18 पर आ गया। इसके बाद सेंसेक्स और नीचे गिरता रहा और 732.71 अंक की गिरावट के साथ 80,718.30 तक पहुंच गया। वहीं, एनएसई के निफ्टी 50 में भी गिरावट देखी गई जो 197.45 अंक घटकर 24,553.25 पर ट्रेड कर रहा है। यह गिरावट ऐसे समय आई है जब देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) से जुड़ा मजबूत डाटा सामने आया है। लेकिन वैश्विक चिंताएं और निवेशकों के मन में डर ने बाजार को दबाव में रखा हुआ है।
धातु कंपनियों के शेयरों में भारी दबाव
धातु क्षेत्र के शेयरों में आज जबरदस्त गिरावट देखी गई। इसका मुख्य कारण अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील आयात पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा है। उन्होंने इस दर को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की बात कही है। इससे वैश्विक स्तर पर बाजार की भावना प्रभावित हुई है और निवेशक चिंतित नजर आ रहे हैं। पिछले सप्ताह के अंतिम व्यापार दिन शुक्रवार को भी भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली थी। बीएसई सेंसेक्स 81.01 अंक या 0.22 प्रतिशत गिरकर 81,451.01 पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी 50 भी 82.90 अंक या 0.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,750.70 पर बंद हुआ था। धातु सेक्टर के शेयरों पर इस प्रकार के वैश्विक फैसलों का खासा असर पड़ता है और आज भी इसका दबाव साफ देखा गया।
एशियाई बाजारों में भी गिरावट का दौर
जहां भारत का शेयर बाजार कमजोर रहा, वहीं एशियाई बाजारों में भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा। जापान का निक्की इंडेक्स 1.21 प्रतिशत गिरा है। इसी तरह broader topics index में भी 0.83 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। ऑस्ट्रेलिया के ASX 200 इंडेक्स में मामूली 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके विपरीत, दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स थोड़ा बेहतर रहा और 0.03 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ। हालांकि मलेशिया, चीन और न्यूजीलैंड के बाजार सार्वजनिक अवकाश के कारण बंद रहे। वैश्विक स्तर पर निवेशकों में चिंता और अनिश्चितता बनी हुई है जो बाजार के उतार-चढ़ाव में स्पष्ट दिख रही है।
विदेशी निवेशकों का भरोसा बरकरार
हालांकि बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) का भारत के बाजार में भरोसा अभी भी मजबूत बना हुआ है। मजबूत घरेलू आर्थिक बुनियादों और अनुकूल आर्थिक संकेतकों की वजह से FPIs ने मई महीने में भारतीय शेयर बाजार में 19,860 करोड़ रुपये का निवेश किया है। जमा डिपाजिटरी की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में FPIs ने नेट निवेश 4,223 करोड़ रुपये का किया था। यह संकेत देता है कि विदेशी निवेशक भारत की आर्थिक संभावनाओं को लेकर आश्वस्त हैं और दीर्घकालिक निवेश के लिए तैयार हैं। यह निवेश बाजार के लिए एक सकारात्मक पहलू है जो आगे आने वाले समय में बाजार में स्थिरता लाने में मदद कर सकता है।
