CBSE: बच्चों में डायबिटीज के बढ़ते केस, क्या शुगर बोर्ड बना पाएगा इस खतरे से बचाव

CBSE: बच्चों में डायबिटीज के बढ़ते केस, क्या शुगर बोर्ड बना पाएगा इस खतरे से बचाव

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

देशभर के स्कूलों में अब बच्चों की सेहत का खास ध्यान रखा जाएगा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सभी संबद्ध स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे ‘शुगर बोर्ड’ बनाएँ। इसका उद्देश्य बच्चों को ज्यादा चीनी खाने के नुकसान से अवगत कराना है। हाल ही में बोर्ड ने स्कूल प्रिंसिपल्स को एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज़ की बढ़ती संख्या को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है। पहले यह बीमारी ज्यादातर वयस्कों में पाई जाती थी, लेकिन अब यह बच्चों में भी तेजी से बढ़ रही है।

बच्चों में बढ़ रहा टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा

CBSE ने बताया है कि बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज़ के मामले बढ़ने का मुख्य कारण शक्कर का अधिक सेवन है। स्कूलों में आसानी से उपलब्ध मीठे स्नैक्स, शीतल पेय और प्रोसेस्ड फूड्स के कारण बच्चे ज्यादा चीनी का सेवन कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 4 से 10 साल के बच्चों में लगभग 13% और 11 से 18 साल के बच्चों में 15% कैलोरी का स्रोत शक्कर है। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार बच्चों का चीनी सेवन 5% से अधिक नहीं होना चाहिए। यह स्थिति काफी चिंताजनक है क्योंकि अधिक शक्कर न केवल डायबिटीज़ बल्कि अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकती है।

CBSE: बच्चों में डायबिटीज के बढ़ते केस, क्या शुगर बोर्ड बना पाएगा इस खतरे से बचाव

शुगर बोर्ड क्या है और इसके उद्देश्य

CBSE के निर्देशानुसार स्कूलों में ‘शुगर बोर्ड’ बनाए जाएंगे। इन बोर्डों का काम बच्चों को चीनी के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करना होगा। स्कूलों में ऐसे पोस्टर लगाए जाएंगे जो बच्चों को बताएंगे कि दिन में कितनी चीनी खाना सुरक्षित है। साथ ही ये बोर्ड बताएंगे कि अलग-अलग लोकप्रिय खाद्य पदार्थों जैसे चॉकलेट, जूस, कोल्ड ड्रिंक आदि में कितनी चीनी होती है। बच्चों को यह समझाना बहुत जरूरी है कि स्वस्थ जीवन के लिए शुगर का सेवन नियंत्रित रखना कितना महत्वपूर्ण है।

जागरूकता बढ़ाने के लिए संगोष्ठी और रिपोर्टिंग

CBSE ने स्कूलों से कहा है कि वे इस पहल के तहत जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष सेमिनार और संगोष्ठी भी आयोजित करें। इससे बच्चे और उनके अभिभावक दोनों ही अधिक जागरूक होंगे। साथ ही बोर्ड ने यह भी निर्देश दिया है कि स्कूल इस पहल के तहत किए गए कार्यों की एक संक्षिप्त रिपोर्ट और कुछ तस्वीरें CBSE पोर्टल पर 15 जुलाई तक अपलोड करें। इस कदम से बच्चों में शक्कर सेवन की आदतों में सुधार लाने की उम्मीद है और वे स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ सकेंगे।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें