Shashi Tharoor: कांग्रेस सांसद शशि थरूर के दबाव में कोलंबिया ने वापस लिया विवादित बयान

Shashi Tharoor: कांग्रेस सांसद शशि थरूर के दबाव में कोलंबिया ने वापस लिया विवादित बयान

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Shashi Tharoor: भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और पीओके में हुई मौतों पर शोक जताने वाले कोलंबिया ने अब अपना बयान आधिकारिक रूप से वापस ले लिया है। इस मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अहम भूमिका निभाई। वे भारतीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में कोलंबिया गए और वहां की सरकार से इस बयान पर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई। कोलंबिया सरकार ने पहले भारत के आतंकियों के ठिकानों पर किए गए ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए लोगों को लेकर दुख जताया था जिससे भारत सरकार को कड़ी आपत्ति थी।

शशि थरूर की कूटनीतिक पहल

शशि थरूर ने कोलंबिया में जाकर वहां के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और भारत की स्थिति को साफ तरीके से रखा। कोलंबिया की उपविदेश मंत्री रोसा योलेन्डा विलाविसेंसियो ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कहा कि हमें अब असली स्थिति की पूरी जानकारी मिल गई है। हमें अब कश्मीर में क्या हुआ और इस संघर्ष की असलियत के बारे में स्पष्टता है। इस आधार पर हम आगे भी बातचीत जारी रख सकते हैं। शशि थरूर ने बयान दिया कि उपविदेश मंत्री ने बहुत शालीनता के साथ हमें बताया कि उन्होंने उस बयान को वापस ले लिया है जिस पर हमने आपत्ति जताई थी। थरूर ने कहा कि कोलंबिया ने हमारी स्थिति को पूरी तरह समझा है और यह हमारे लिए बेहद मूल्यवान है।

आतंकवाद पर भारत का सख्त रुख

कोलंबिया की राजधानी में शशि थरूर ने भारत के आतंकवाद पर सख्त रुख को विस्तार से रखा। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त कार्रवाई थी। थरूर ने इस बात पर दुख जताया कि कोलंबिया सरकार ने पाकिस्तान में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया जबकि असली पीड़ित भारत के नागरिक हैं जो आतंकवाद के निशाने पर थे। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी कहा कि थरूर ने भारत का रुख मजबूती से दोहराया और कोलंबिया के रुख पर अपनी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कोलंबिया को आतंकवाद पीड़ित भारत के साथ सहानुभूति दिखानी चाहिए थी न कि पाकिस्तान के नुकसान पर दुख व्यक्त करना चाहिए था।

भारत की जीत और आगे की राह

कोलंबिया की सरकार द्वारा बयान वापस लेने को भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है। इससे यह साफ संदेश गया है कि भारत आतंकवाद पर अपने रुख से कभी समझौता नहीं करेगा। यह घटना इस बात का भी उदाहरण है कि भारत की विदेश नीति अब कितनी मुखर और मजबूत हो गई है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने जिस तरह कोलंबिया की सरकार को अपनी स्थिति समझाई और उन्हें बयान वापस लेने पर राजी किया वह एक अहम कदम है। आगे भी भारत को इसी प्रकार अपने रुख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पष्ट और मजबूत बनाकर रखना होगा ताकि कोई भी देश आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर गलत संकेत न दे।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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