भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे हालिया संघर्ष में भारतीय सेना ने Operation Sindoor के जरिए पाकिस्तानी सेना और उसके आतंकवादी संगठनों को करारी शिकस्त दी है। यह ऑपरेशन केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं था बल्कि यह भारत की रणनीतिक समझदारी और संवेदनशीलता का परिचायक भी रहा। भारत ने ऑपरेशन के दौरान यह विशेष ध्यान रखा कि उसकी कार्रवाई में पाकिस्तान के आम नागरिकों को किसी भी तरह की हानि न हो। लेकिन इसके ठीक उलट पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक इलाकों को जानबूझकर निशाना बनाया और अपनी कायरता का प्रदर्शन किया।
पाक की नापाक साजिश: अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को बनाया निशाना
अब भारतीय सेना ने पाकिस्तान की एक और शर्मनाक साजिश का खुलासा किया है। सेना ने बताया है कि पाकिस्तानी सेना ने पंजाब के अमृतसर में स्थित पवित्र स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाने की कोशिश की थी। यह हमला ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों की मदद से किया गया था। पाकिस्तानी सेना ने जानते-बूझते धार्मिक स्थलों और नागरिक ठिकानों को टारगेट करने की योजना बनाई थी क्योंकि उन्हें भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला करने का कोई वैध कारण नहीं मिल रहा था। यह दिखाता है कि पाकिस्तान किस हद तक नीचे गिर सकता है।
#WATCH | Amritsar, Punjab: Major General Kartik C Seshadri, GOC, 15 Infantry Division says "…Knowing that Pak Army does not have any legitimate targets, we anticipated that they will target Indian military installations, civilian targets including religious places. Of these,… https://t.co/y9gECbSao1 pic.twitter.com/5X8Gwi5RRW
— ANI (@ANI) May 19, 2025
भारतीय सेना की तैयारी ने बचाई पवित्र धरोहर
15 इन्फेंट्री डिविजन के जीओसी मेजर जनरल कार्तिक सी शेषाद्रि ने बताया कि पाकिस्तानी हमले की आशंका पहले से ही थी। इसलिए भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर के चारों ओर एक आधुनिक एयर डिफेंस अंब्रेला तैयार कर दिया था। उन्होंने कहा कि हमें पहले ही जानकारी मिल चुकी थी कि पाकिस्तान धार्मिक स्थलों को निशाना बना सकता है इसलिए हमने एयर डिफेंस गनर्स की एक विशेष टीम वहां तैनात कर दी थी। यह टीम पूरी तरह से सतर्क और सुसज्जित थी।
हमला नाकाम: भारत की मुस्तैदी ने रचा इतिहास
8 मई की सुबह जब पाकिस्तान ने अंधेरे में ड्रोन और मिसाइल से बड़ा हमला किया तो भारतीय सेना पूरी तरह तैयार थी। जैसे ही ये हथियार भारतीय सीमा में दाखिल हुए, भारतीय एयर डिफेंस ने सभी को मार गिराया। नतीजा यह हुआ कि पाकिस्तानी सेना की एक भी मिसाइल या ड्रोन स्वर्ण मंदिर तक नहीं पहुंच सका। भारत की यह रणनीतिक सफलता न सिर्फ एक धार्मिक स्थल की रक्षा थी बल्कि यह एक संदेश भी था कि भारत की सेना हर परिस्थिति के लिए तैयार है और अपने पवित्र स्थलों की रक्षा के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है।
