Shashi Tharoor: केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ विश्व मंच पर भारत की बात रखने के लिए सांसदों की एक प्रतिनिधिमंडल बनाई है। इस सूची में कांग्रेस के सांसद शशि थरूर का भी नाम शामिल है। शशि थरूर ने सरकार का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि जब बात राष्ट्रीय हित की आती है तो मैं पीछे नहीं रह सकता। थरूर ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ‘भारत सरकार ने मुझे हाल की घटनाओं पर देश का पक्ष प्रस्तुत करने वाली सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में चुना है। मुझे इस पर गर्व है।’
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य और भूमिका
केंद्र सरकार ने कुल सात सदस्यों की एक सर्वदलीय टीम बनाई है। यह टीम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अलावा कई देशों का दौरा करेगी। इन देशों में वे ऑपरेशन सिंदूर और भारत की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की जानकारी विश्व को देंगी। इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद विश्व समुदाय को भारत का सच्चा पक्ष सामने रखना है ताकि पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली गतिविधियों को उजागर किया जा सके।
I am honoured by the invitation of the government of India to lead an all-party delegation to five key capitals, to present our nation’s point of view on recent events.
When national interest is involved, and my services are required, I will not be found wanting.
Jai Hind! 🇮🇳 pic.twitter.com/b4Qjd12cN9
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 17, 2025
प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य प्रमुख नेता
इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के शशि थरूर के साथ भाजपा के रवि शंकर प्रसाद, जदयू के संजय कुमार झा, भाजपा के बैजयंत पांडा, डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी की सुप्रिया sule और शिवसेना के श्रीकांत एकनाथ शिंदे शामिल हैं। ये सभी नेता अपने-अपने राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करते हैं और वे एक साथ मिलकर देश के राष्ट्रीय हित के लिए काम करेंगे। यह प्रतिनिधिमंडल राजनीति से ऊपर उठकर भारत की एकता और आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता का संदेश पूरी दुनिया में पहुंचाएगा।
केंद्र सरकार की बात, भारत की एकता और आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजु ने इस प्रतिनिधिमंडल की जानकारी देते हुए कहा कि भारत एकजुट है। हम आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता का संदेश पूरी दुनिया को देंगे। यह प्रतिनिधिमंडल राजनीतिक विरोधाभासों से ऊपर उठकर देश की एकता का प्रतीक है। उनका यह भी कहना था कि भारत की यह पहल विश्व समुदाय को आतंकवाद के खतरों से सचेत करेगी और पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ मजबूत आवाज उठाएगी। इस कदम से भारत की विदेश नीति को मजबूती मिलेगी और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की छवि और मजबूत होगी।
