Ronit Roy: हिंदी रश को दिए गए एक इंटरव्यू में रोनित रॉय ने बताया कि उन्हें अपनी पहली फिल्म के लिए 50 हजार रुपये की फीस मिली थी। जब उनसे पूछा गया कि क्या ये रकम उस समय बड़ी थी, तो रोनित ने कहा – “50 हजार बहुत बड़ी रकम थी। ये बात 1991 की है। हमने फिल्म उसी साल शुरू की थी।”
दाल-रोटी के भी नहीं थे पैसे
अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए रोनित ने बताया कि वे रोज़ सिर्फ एक बार खाना खाते थे। उन्होंने कहा – “बांद्रा स्टेशन के पास एक ढाबा था। मैं वहीं रोज़ खाता था। कभी काली दाल और दो रोटी, कभी पालक पनीर और दो रोटी। ढाबे वाले लोग समझ जाते थे कि किस दिन क्या खाऊंगा।” एक दिन पैसे खत्म हो गए तो उन्होंने सिर्फ दो रोटियों और प्याज की मांग की, लेकिन ढाबे वाले ने उनके सामने काली दाल और रोटियां रख दीं और कहा – “आज तो दाल का दिन है, यह मेरी तरफ से है।”
रो पड़े रोनित रॉय
इस किस्से को सुनाते हुए रोनित रॉय की आंखें भर आईं। उन्होंने बताया कि उन्हें बिसा साब से 50 हजार रुपये की फीस मिली थी जो उस समय की उनकी स्थिति में किसी खजाने से कम नहीं थी। उनकी महीने की जरूरत सिर्फ 4 हजार रुपये थी और 50 हजार रुपये उनके लिए जीवन बदल देने वाला अनुभव था।
टीवी ने दी नई पहचान
बॉलीवुड में हीरो के तौर पर सफलता नहीं मिलने के बाद रोनित ने टीवी इंडस्ट्री की ओर रुख किया और वहां ‘कसौटी जिंदगी की’, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’, ‘अदालत’ और ‘यह है चाहतें’ जैसे शोज़ से हर घर में अपनी पहचान बना ली।
अब हैं सफल और सम्मानित अभिनेता
आज रोनित रॉय को बॉलीवुड और टेलीविजन दोनों इंडस्ट्रीज़ में एक शानदार कलाकार माना जाता है। उन्होंने ‘उड़ान’, ‘काबिल’, ‘2 स्टेट्स’, ‘हॉस्टेजेस’ जैसे कई दमदार फिल्मों और वेब सीरीज़ में भी काम किया। वे अब एक प्रोडक्शन हाउस भी चलाते हैं और बॉडीगार्ड सर्विस भी देते हैं, जिसमें उन्होंने आमिर खान और शाहरुख खान जैसे सितारों के लिए सुरक्षा उपलब्ध करवाई है।
सीख जो रोनित रॉय की जिंदगी से मिलती है
कभी भी अपने सपनों से समझौता न करें
मेहनत और ईमानदारी से काम करने वालों को देर भले हो, पर सफलता ज़रूर मिलती है
जिंदगी में नीचे गिरना गलत नहीं है, गिरकर उठना ही असली जीत है
