lT Stocks Rally: ग्लोबल अनिश्चितता के बीच आईटी स्टॉक्स ने पकड़ी रफ्तार, निवेशकों ने इनफोसिस-विप्रो पर लगाया भरोसा

lT Stocks Rally: ग्लोबल अनिश्चितता के बीच आईटी स्टॉक्स ने पकड़ी रफ्तार, निवेशकों ने इनफोसिस-विप्रो पर लगाया भरोसा

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

lT Stocks Rally: बुधवार को घरेलू शेयर बाजार में थोड़ी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स करीब 200 अंक टूट गया और निफ्टी 50 भी लाल निशान में रहा। लेकिन इस माहौल में आईटी सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा गया। इंफोसिस से लेकर विप्रो तक के शेयर ऊपर चढ़े और निवेशकों के चेहरे खिल गए। ऐसे में ये सवाल उठता है कि जब बाजार नीचे जा रहा है तो आईटी स्टॉक्स में यह तेजी क्यों दिख रही है?

यूएस फेड का ब्याज दर में कटौती का संकेत

दरअसल, अमेरिका की बड़ी ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने हाल ही में एक अनुमान में कहा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व सितंबर में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। पहले यह कटौती दिसंबर में मानी जा रही थी। लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है कि ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ की वजह से महंगाई की रफ्तार धीमी होगी और इसी के चलते फेड पहले ही दरें कम कर सकता है। फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने पुर्तगाल में हुए एक सम्मेलन में कहा कि दरों में कटौती से पहले वह अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों का विश्लेषण जरूर करेंगे। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यह कटौती जुलाई की शुरुआत में भी संभव है।

lT Stocks Rally: ग्लोबल अनिश्चितता के बीच आईटी स्टॉक्स ने पकड़ी रफ्तार, निवेशकों ने इनफोसिस-विप्रो पर लगाया भरोसा

अमेरिका की मजबूती से भारत की आईटी कंपनियों को फायदा

इस संकेत के बाद से ही निवेशकों के बीच उत्साह देखने को मिल रहा है। खासकर भारतीय आईटी कंपनियों में नई जान आ गई है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि भारतीय आईटी कंपनियों की आमदनी का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है। जब अमेरिका की इकोनॉमी मजबूत होती है और वहां के बाजारों में कैश फ्लो बढ़ता है तो वहां की कंपनियां भारत की आईटी फर्मों से ज्यादा सेवाएं लेने लगती हैं। इससे भारतीय कंपनियों के व्यापार सौदे बढ़ते हैं और मुनाफा भी। यही वजह है कि जैसे ही ब्याज दर में कटौती की खबर आई वैसे ही निवेशकों ने आईटी सेक्टर के शेयर खरीदने शुरू कर दिए।

75 से 100 बेसिस प्वाइंट तक कटौती की उम्मीद

कई मार्केट एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि इस बार फेड 75 से 100 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती कर सकता है। यदि ऐसा होता है तो अमेरिकी बाजारों में नकदी और भी बढ़ेगी और भारतीय कंपनियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। इंफोसिस, टीसीएस, विप्रो, एचसीएल और टेक महिंद्रा जैसी बड़ी कंपनियां पहले से ही अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं। इस तरह के आर्थिक संकेतों से उनके शेयरों में मजबूती आना स्वाभाविक है। यही कारण है कि जब बाकी बाजार थोड़ा कमजोर दिखा, तब आईटी कंपनियों ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

Leave a Comment

और पढ़ें