Iran Isreal War में शहीद वैज्ञानिकों की विदाई में उमड़ा सैलाब, राष्ट्रपति की मौजूदगी बनी ऐतिहासिक घड़ी

Iran Isreal War में शहीद वैज्ञानिकों की विदाई में उमड़ा सैलाब, राष्ट्रपति की मौजूदगी बनी ऐतिहासिक घड़ी

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Iran Isreal War के बीच चल रहे युद्ध के बीच ईरान ने अपने शीर्ष सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों को अंतिम विदाई दी है। राजधानी तेहरान में शहीदों की अंतिम यात्रा के दौरान हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। इस मौके पर ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान भी शामिल हुए और उन्होंने इन शहीदों को “इज़रायल के आक्रमण में शहीद हुए वीर” बताया। यह अंतिम यात्रा उस हमले के बाद निकाली गई जिसमें इज़रायली सेना ने ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हालांकि इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है लेकिन इसके बाद से पूरे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान ने कहा कि देश अपनी संप्रभुता और जनता की रक्षा के लिए हर हाल में जवाब देगा। इस दौरान भीड़ में शामिल लोगों ने “इस्राइल मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाए और इस हमले के जवाब में सख्त कार्रवाई की मांग की।

ईरानी राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर चिंता

इस हमले के बाद एक बड़ा सवाल यह उठने लगा है कि क्या अब ईरान के राष्ट्रपति की जान को भी खतरा है। खासकर तब जब इज़रायली सेना पर देश के सर्वोच्च नेता को निशाना बनाने का आरोप लगा है। सुरक्षा विश्लेषकों और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है। ऐसे में ईरान की सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत कदम उठाते हुए राष्ट्रपति और अन्य शीर्ष नेताओं की सुरक्षा बढ़ा दी है। तेहरान सहित अन्य बड़े शहरों में अतिरिक्त सैन्य बल तैनात कर दिए गए हैं और सरकारी इमारतों की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति पूरी तरह सुरक्षित हैं और देश हर संभावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क है।

पश्चिम एशिया में और गहराया तनाव

इस हमले ने पश्चिम एशिया में तनाव की स्थिति को और गंभीर बना दिया है। ईरान समर्थित गुट जैसे कि हिजबुल्ला और यमन के हूथी विद्रोहियों ने भी इस हमले की निंदा की है और बदले की चेतावनी दी है। दूसरी ओर इज़रायल की ओर से इस पूरे मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह आरोप सही साबित हुए तो न केवल ईरान और इज़रायल के संबंध और बिगड़ेंगे बल्कि पूरा क्षेत्र एक नए संघर्ष की ओर बढ़ सकता है। जनता में भी इस घटना को लेकर जबरदस्त गुस्सा है और लोग खुलकर जवाबी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर लोगों की भावनाएं उफान पर हैं।

शहीद हुए ईरान के बड़े सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक

इस 12 दिन चले युद्ध में ईरान के कई बड़े सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के प्रमुख जनरल अमीर अली हाजीज़ादेह युद्ध के पहले ही दिन यानी 13 जून को मारे गए जब इज़रायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के लिए एक बड़ा सैन्य ऑपरेशन शुरू किया था। राजधानी तेहरान की आज़ादी स्ट्रीट पर इनके ताबूत ट्रकों में रखकर अंतिम यात्रा निकाली गई। हजारों लोग इस विदाई में शामिल हुए और आंसुओं के साथ उन्हें अंतिम सलाम दिया। ईरान की सरकारी टीवी के अनुसार शनिवार को कुल 60 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया जिनमें चार महिलाएं और चार बच्चे भी शामिल थे। सरकार ने इस दिन सभी कार्यालयों को बंद कर दिया ताकि नागरिक कर्मचारी भी इस अंतिम यात्रा में भाग ले सकें।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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