Warren Buffett Net Worth: दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में से एक वॉरेन बफेट ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। शुक्रवार को उन्होंने बर्कशायर हैथवे कंपनी के 50 हजार करोड़ रुपये के शेयर दान कर दिए जो लगभग 6 बिलियन डॉलर के बराबर हैं। यह अब तक का उनका सबसे बड़ा सालाना दान है। आपको बता दें कि बफेट साल 2006 से ऐसे बड़े दान करते आ रहे हैं और वे हमेशा कहते हैं कि उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा समाज को वापस लौटाना उनका मकसद है। इस बार का दान भी उनके उसी विचार का हिस्सा है जिसमें वह पूंजी को समाज के उत्थान के लिए प्रयोग करना चाहते हैं।
किन-किन को मिला यह भारी-भरकम दान
बफेट ने इस बार कुल 1 करोड़ 23 लाख से ज्यादा क्लास बी शेयर दान में दिए हैं। इनमें से सबसे बड़ा हिस्सा यानी 94 लाख 30 हजार शेयर बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को दिए गए। इसके बाद 9 लाख 43 हजार शेयर सुसन थॉम्पसन बफेट फाउंडेशन को दिए गए। इसके अलावा उनके तीन बच्चों द्वारा चलाए जा रहे तीन फाउंडेशनों – हावर्ड जी बफेट फाउंडेशन, शेरवुड फाउंडेशन और नोवो फाउंडेशन – को 6 लाख 60 हजार शेयर-शेयर दिए गए। हर फाउंडेशन का अपना सामाजिक मिशन है और यह दान उस मिशन को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। कुल मिलाकर वॉरेन बफेट अब तक 60 अरब डॉलर से ज्यादा यानी लगभग 5 लाख करोड़ रुपये का दान कर चुके हैं।
दौलत घटी लेकिन रैंकिंग में अब भी टॉप 10 में कायम
इस भारी-भरकम दान के बाद वॉरेन बफेट की कुल संपत्ति घटकर 152 अरब डॉलर से नीचे आ गई है। पहले वह दुनिया के पांचवें सबसे अमीर इंसान थे लेकिन अब छठे स्थान पर आ गए हैं। पिछले साल जून में उन्होंने 5.3 अरब डॉलर का दान किया था और नवंबर में 1.14 अरब डॉलर का। लेकिन इस बार का दान इन सब से बड़ा है। इसके बावजूद वे अब भी बर्कशायर हैथवे के 13.8 प्रतिशत शेयरों के मालिक हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि वह अभी बर्कशायर के किसी भी शेयर को बेचने की योजना में नहीं हैं। वे 1965 से इस कंपनी को चला रहे हैं जो आज 1.05 ट्रिलियन डॉलर की कीमत की हो चुकी है। इस कंपनी के पोर्टफोलियो में एप्पल, अमेरिकन एक्सप्रेस, गाइको और बीएनएसएफ रेलवे जैसी बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी शामिल है।
बफेट की मृत्यु के बाद भी तय है दान का रास्ता
बफेट ने पिछले साल अपने वसीयतनामे में साफ किया था कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी कुल संपत्ति का 99.5 प्रतिशत हिस्सा एक चैरिटेबल ट्रस्ट को दे दिया जाएगा। यह ट्रस्ट उनके तीनों बच्चों द्वारा मिलकर चलाया जाएगा और उन्हें दस साल के अंदर इस पैसे का उपयोग करने का फैसला करना होगा। दिलचस्प बात यह है कि बफेट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उनकी मृत्यु के बाद गेट्स फाउंडेशन को कोई दान नहीं मिलेगा। जहां तक उनके पारिवारिक फाउंडेशनों की बात है, सुसन थॉम्पसन बफेट फाउंडेशन महिलाओं के स्वास्थ्य और अधिकारों पर काम करता है। शेरवुड फाउंडेशन नेब्रास्का राज्य में एनजीओ और प्रारंभिक शिक्षा को सहयोग करता है। वहीं, हावर्ड जी बफेट फाउंडेशन भूख, मानव तस्करी और वैश्विक संघर्षों पर काम करता है। नोवो फाउंडेशन हाशिये पर जी रहे समुदायों, विशेषकर महिलाओं और आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ता है।
