बुद्ध पूर्णिमा के दिन PM Narendra Modi ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया कि भारत अब उसकी परमाणु धमकियों से डरने वाला नहीं है। इस दिन की ऐतिहासिकता भी खास रही क्योंकि ठीक पांच दशक पहले 18 मई 1974 को भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था और वह दिन भी बुद्ध पूर्णिमा ही था। पीएम मोदी ने इसी मौके पर देशवासियों को यह याद दिलाया कि शांति के साथ-साथ शक्ति का प्रदर्शन भी जरूरी है।
पहला और दूसरा परमाणु परीक्षण भी बुद्ध पूर्णिमा को ही हुआ था
भारत ने पहला परमाणु परीक्षण 18 मई 1974 को राजस्थान के पोखरण में किया था। इसका कोडनेम ‘बुद्धा स्माइल’ रखा गया था और यह संदेश उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भेजा गया था। यह दिन बुद्ध पूर्णिमा का ही था। इसके बाद 11 मई 1998 को भारत ने दूसरा परमाणु परीक्षण किया जिसका नाम ‘ऑपरेशन शक्ति’ था लेकिन उसे भी ‘बुद्धा स्माइल दोबारा’ के नाम से याद किया जाता है। यह संयोग नहीं बल्कि भारत की रणनीतिक सोच का हिस्सा था।
शांति के साथ शक्ति का प्रदर्शन भी जरूरी: PM Modi
PM Modi ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के शुरू होने के बाद पहली बार देश को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध ने हमें शांति का रास्ता दिखाया है लेकिन शांति की राह शक्ति से होकर भी गुजरती है। एक विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए और हर भारतीय को सुरक्षित जीवन देने के लिए यह जरूरी है कि भारत शक्तिशाली हो। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में भारत ने यही किया है और यह दिखा दिया है कि जब आवश्यकता हो तो हम अपनी शक्ति का प्रयोग करने से पीछे नहीं हटते।
आतंकी हमले का मिलेगा करारा जवाब: PM Modi
PM Modi ने साफ शब्दों में कहा कि अगर भारत पर आतंकवादी हमला होता है तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से और अपने समय पर जवाब देंगे। पीएम मोदी ने चेतावनी दी कि आतंकवाद की जड़ें जहां-जहां हैं वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के खिलाफ जो कार्रवाई रोकी गई है वह स्थायी नहीं है बल्कि अब पाकिस्तान के व्यवहार पर भविष्य निर्भर करेगा।
