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खेत छोड़कर सड़क पर बैठे किसान, दीवारों पर लिखा स्लोगन सत्ताधारियों से अनुरोध गांव में न करे प्रवेश

सतना,मध्यप्रदेश।। जिले के किसानों की आवाज अब दीवारों पर लिखी स्लोगनों में गूंज रही है। ये स्लोगन मात्र शब्द नहीं, बल्कि उनके दिल की गहरी पीड़ा की गवाही हैं। जो प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से न्याय की उम्मीद में हैं। मामला जिले के कारीगोही खरीदी केंद्र में हुए 93 लाख रुपए के गेहूं घोटाले का है। जहां किसानों का हक मारा गया है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ किसानों ने पूरे क्षेत्र में स्लोगन लिखकर अपना विरोध और आक्रोश व्यक्त किया है।

खेत छोड़कर सड़क पर बैठे किसान, दीवारों पर लिखा स्लोगन सत्ताधारियों से अनुरोध गांव में न करे प्रवेश
©फोटो – सतना टाइम्स.इन

दरअसल करीब एक साल पहले कारीगोही के जयतमाल बाबा महिला स्व सहायता समूह में 93 लाख रुपए का घोटाला सामने आया था। किसानों से गेहूं लेने के बाद, फर्जी ट्रांसपोर्ट चालान बनाकर उनकी उपज का परिवहन कर दिया गया। 13 ट्रकों की फर्जी टीसी में असली किसानों के नाम तक डाल दिए गए थे। प्रशासन ने इसकी जांच की और संदिग्ध लगने पर किसानों के भुगतान पर रोक लगा दी।लेकिन अब भी करीब 35-40 किसानों की रकम होल्ड पर पड़ी है। इन पीड़ित किसानों की मेहनत अब पानी में जा रही है। वे कर्ज लेकर खेती करते हैं और अब बैंकों से भी दबाव बना हुआ है।

सारा प्रशासन मौन है गेंहू चोर कौन है!

वही अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद भी उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही है। मजबूरन, अपनी पीड़ा को सामने लाने के लिए किसानों ने दीवारों पर स्लोगन लिखे हैं। “सारा प्रशासन मौन है, गेहूं चोर कौन है?” जैसे स्लोगन अब प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के लिए एक गंभीर सवाल बन चुके हैं।किसानों ने स्लोगन में यह भी लिखा है कि “सारे सत्ताधारियों से अनुरोध है कि गांव में प्रवेश न करे” किसानों की उम्मीद अब प्रशासन और सरकार से पूरी तरह से टूट चुकी है, और वे अब सिर्फ न्याय की उम्मीद में सड़कों और दीवारों पर अपनी आवाज उठा रहे हैं।

कर्ज लेकर कर रहे किसानी के कई काम

किसानों का कहना है कि हम लोगो ने गेंहू अप्रैल माह में बेचा था।लेकिन आज तक हमारा पैसा नही आया है।जिससे हम किसानी के कई काम कर्ज लेकर करते है।हमने ट्रैक्टर खरीदा था और क़िस्त न देने के चलते खिंचने की कगार में आ गया है।

मामला न्यायालय में विचाराधीन है!

सतना खाद्य आपूर्ति निगम अधिकारी पंकज बोरसे ने बताया कि जो 93 लाख गेंहू का घोटाला हुआ था उसमें सम्बंधित लोगो के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी।इसमे एक जांच समिति बनाई थी और आइडेंटिफाई कराया गया था कि किन किसानों का गेंहू जमा है। और किनका नही।उसमे से कुछ लोगो का भुगतान हो चुका था।अभी कुछ लोग बाकी है जिनका भुगतान नही हो पाया है।इसका कारण ये है कि जिनका खाद्यान हमारे पास जमा नही है तो उनका भुगतान किया जाना संभव भी नही है। क्योंकि ये मामला न्यायालय में विचाराधीन है।जब तक न्यायालय से कोई निर्णय नही आ जाता इस संबंध में आगामी कार्यवाही करना भी उचित नही है।

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

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