आज के समय में म्यूचुअल फंड के बारे में लगभग हर कोई जानता है। इसके बेहतर और आकर्षक रिटर्न के कारण हर कोई इसमें निवेश करना चाहता है। यदि आप भी निकट भविष्य में म्यूचुअल फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। अक्सर लोग केवल पिछले वर्षों में मिले रिटर्न को देखकर ही फंड खरीद लेते हैं, जो कि पूरी तरह सही नहीं है। सही रिटर्न पाने और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की हानि से बचा जा सके।
फंड का प्रदर्शन ध्यान से देखें
म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय केवल 1, 2 या 3 वर्षों के रिटर्न देखकर ही निर्णय न लें। इसके बजाय अलग-अलग वर्षों में फंड के प्रदर्शन की तुलना करें। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि फंड किस प्रकार का रिटर्न देने में सक्षम है और उसमें कितनी स्थिरता है। कई बार कुछ फंड एक या दो वर्षों में अच्छा प्रदर्शन कर देते हैं, लेकिन लंबे समय में उनका प्रदर्शन कमजोर हो सकता है। इसीलिए लंबे समय के प्रदर्शन का विश्लेषण करना, फंड के मैनेजमेंट की क्षमता और बाजार में उसकी स्थिति को जानने में सहायक होता है।
शुल्कों की जानकारी अवश्य लें
म्यूचुअल फंड में कई प्रकार के चार्ज लगाए जाते हैं, जिन पर निवेशक ध्यान नहीं देते। इनमें एक्सपेंस रेशियो, एग्जिट लोड, मैनेजमेंट फीस आदि शामिल होते हैं। आमतौर पर, यदि कोई निवेशक एक वर्ष के अंदर पैसे निकालता है, तो कंपनी एग्जिट लोड के रूप में शुल्क लेती है। इसलिए निवेश से पहले इन शुल्कों की जानकारी लेना आवश्यक है ताकि रिटर्न का सही आकलन किया जा सके। यदि शुल्क अधिक हैं, तो आपके रिटर्न पर असर पड़ेगा। कम शुल्क वाले फंड में निवेश करना, खासकर लंबी अवधि के निवेश के लिए, फायदेमंद साबित हो सकता है।
जोखिम का आकलन और सही तुलना करें
फंड का चयन करते समय कभी भी अलग-अलग श्रेणियों के फंड की तुलना नहीं करनी चाहिए। इससे आपके निर्णय में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। केवल समान श्रेणी के फंड की तुलना करना निवेश के लिए सही विकल्प चुनने में सहायक होगा। साथ ही, निवेश से पहले फंड में जोखिम का आकलन भी करें। इसके लिए शार्प रेशियो, स्टैंडर्ड डिविएशन और बीटा जैसे विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। यदि आप कम जोखिम लेना चाहते हैं, तो कम बीटा और स्टेबल रिटर्न वाले फंड में निवेश करें। वहीं, यदि आप उच्च जोखिम लेकर अधिक रिटर्न की सोच रखते हैं, तो उच्च जोखिम वाले फंड भी आपके लिए विकल्प हो सकते हैं। निवेश हमेशा अपनी जोखिम क्षमता और निवेश अवधि के अनुसार ही करें।
