केंद्र सरकार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार और विपक्षी दलों ने संसद के आगामी मानसून सत्र के लिए कमर कस ली है। यह सत्र 21 जुलाई 2025 से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा। पहले यह सत्र 12 अगस्त को समाप्त होने वाला था, लेकिन सरकार ने इसे एक सप्ताह बढ़ा दिया है। इस दौरान केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को संसद में पेश करने और पारित कराने की तैयारी में जुटी है। वहीं, विपक्ष ने भी इस सत्र में सरकार को घेरने के लिए अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
ये महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पेश
इस बार के मानसून सत्र में जिन विधेयकों को पेश करने की उम्मीद है, उनमें मणिपुर जीएसटी (संशोधन) विधेयक 2025, पब्लिक ट्रस्ट (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक 2025, भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2025, भू-धरोहर स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक 2025, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल हैं। इन विधेयकों के जरिए सरकार विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव और सुधार की दिशा में कदम बढ़ाने जा रही है।
लोकसभा में पारित हो सकते हैं ये विधेयक
इसके अलावा कुछ विधेयकों को लोकसभा में पारित कराए जाने की भी उम्मीद जताई जा रही है। इनमें गोवा राज्य की विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनः समायोजन विधेयक 2024, मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2024, भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025 और आयकर विधेयक 2025 शामिल हैं। इन विधेयकों के जरिए सरकार न केवल समुद्री परिवहन और बंदरगाहों के क्षेत्र में बदलाव लाना चाहती है, बल्कि कर प्रणाली को भी और अधिक सुदृढ़ बनाने का प्रयास कर रही है। इससे आर्थिक सुधारों को गति मिलने की उम्मीद है।
विपक्ष भी तैयार, कई मुद्दों पर घेरेगा सरकार को
वहीं, कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल भी इस मानसून सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी में जुटे हैं। इस बार विपक्ष बिहार में विशेष मतदाता सूची संशोधन, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों जैसे मुद्दों को उठाकर सरकार पर निशाना साध सकता है। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने भी 15 जुलाई को पार्टी की रणनीति तय करने के लिए महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी। ऐसे में यह सत्र हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है और देखने वाली बात होगी कि सरकार अपनी योजनाओं को किस तरह से अमल में लाती है और विपक्ष किस तरह उसे घेरने में सफल होता है। संसद के इस मानसून सत्र से जनता को भी कई महत्वपूर्ण फैसलों की उम्मीदें हैं, जिनका सीधा असर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ेगा।
