IND vs ENG: पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स टेस्ट में हार पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम में अद्भुत प्रतिभा होने के बावजूद शुभमन गिल और उनकी टीम 193 रनों का लक्ष्य हासिल करने में नाकाम रही, जिससे तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में मेजबान इंग्लैंड 2-1 की बढ़त ले चुका है। गांगुली ने हार के लिए भारतीय बल्लेबाजी क्रम, विशेषकर शीर्ष क्रम को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह एक ऐसा मौका था जिसे गंवा देना भारतीय टीम के लिए निराशाजनक रहा।
193 रनों का लक्ष्य पाना था आसान : सौरव गांगुली
इंडियन रेसिंग लीग और एफ4 इंडिया चैंपियनशिप कार्यक्रम के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब सौरव गांगुली से लॉर्ड्स टेस्ट में हार पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “मैं इस हार से निराश हूं। जिस तरह से बल्लेबाजी की गई, उससे निराश हूं। यह लक्ष्य (193 रन) आसानी से पाया जा सकता था। रवींद्र जडेजा ने संघर्ष किया, और मुझे लगता है कि टीम इंडिया के खिलाड़ी मुझसे भी ज्यादा निराश होंगे क्योंकि उनके पास गजब की प्रतिभा है। यह इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में 2-1 की बढ़त लेने का अच्छा मौका था, लेकिन 190 रनों तक भी न पहुंच पाना टीम की गुणवत्ता को देखते हुए निराशाजनक रहा।” गांगुली ने स्पष्ट कहा कि अगर शीर्ष क्रम के बल्लेबाज थोड़ा संघर्ष करते तो मैच का नतीजा पूरी तरह अलग हो सकता था।
VIDEO | Here's what former India captain and ex-BCCI president Sourav Ganguly said on India's loss at Lord's against England in the third Test match, Anderson-Tendulkar Trophy:
"I’m a little bit disappointed with the way India batted in this series so far; they should have… pic.twitter.com/aduoH5hH8O
— Press Trust of India (@PTI_News) July 15, 2025
शीर्ष क्रम की विफलता ने बढ़ाई मुश्किलें
गांगुली ने कहा कि शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों की नाकामी इस हार का बड़ा कारण रही। दूसरे इनिंग में यशस्वी जायसवाल शून्य पर आउट हो गए, शुभमन गिल सिर्फ 6 रन बना सके और ऋषभ पंत 9 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। करुण नायर, जो तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए, वे भी 14 रन बनाकर आउट हो गए। हालांकि, केएल राहुल ने 39 रनों की पारी खेलकर कुछ हद तक पारी को संभालने की कोशिश की, और अंत में रवींद्र जडेजा ने 61 रनों की लड़ाकू पारी खेली, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें सहयोग नहीं मिला। गांगुली ने कहा, “अगर शीर्ष क्रम के बल्लेबाज थोड़ा और धैर्य दिखाते और विकेट पर टिककर खेलते, तो यह मैच भारत के पक्ष में जा सकता था।”
रवींद्र जडेजा की तारीफ, भविष्य में भी होंगे अहम खिलाड़ी
जब सौरव गांगुली से रवींद्र जडेजा के भविष्य को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “जडेजा एक असाधारण खिलाड़ी हैं। वे बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग तीनों में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उन्होंने अब तक करीब 80 टेस्ट और 200 से ज्यादा वनडे मैच खेले हैं। जडेजा टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं और भविष्य में भी खेलते रहेंगे।” गांगुली ने कहा कि रवींद्र जडेजा की जुझारू पारी ने टीम को उम्मीद दी, और उनके जैसे खिलाड़ी किसी भी टीम के लिए बड़े मैच विजेता होते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन इस प्रतिभा को नतीजों में बदलना जरूरी है ताकि टीम भारत का नाम टेस्ट क्रिकेट में और ऊंचा कर सके।
