कर्नाटक सरकार ने राज्य में सिनेमा टिकटों को अधिक सुलभ और किफायती बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने कर्नाटक सिनेमा (नियमन) नियम, 2014 में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत सभी सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स और सभी भाषाओं की फिल्मों के टिकट की अधिकतम कीमत ₹200 प्रति शो निर्धारित की जाएगी। इस मूल्य में मनोरंजन कर भी शामिल होगा। यह नियम पूरे राज्य में लागू होगा, ताकि शहरों के मल्टीप्लेक्स में टिकटों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित किया जा सके और सभी वर्गों के लोगों को सिनेमा का समान अवसर मिल सके।
गृह विभाग द्वारा 15 जुलाई को जारी किए गए इस संशोधन के मसौदे पर जनता की 15 दिनों तक राय मांगी गई है। जनता अपने सुझाव या आपत्तियां अतिरिक्त मुख्य सचिव, विधान सौधा, गृह विभाग को भेज सकती है। यह कदम टिकटों के दामों को नियंत्रित करने और सिनेमा को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
टिकटों की कीमतों को नियंत्रित करने की पुरानी कोशिशें
टिकटों के दामों को लेकर चर्चा और मांगें कई वर्षों से होती आ रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धरमैय्या ने 2025-26 के बजट भाषण में ₹200 की अधिकतम कीमत तय करने की प्रतिबद्धता दोहराई। इससे पहले भी कांग्रेस सरकार ने इस दिशा में कदम उठाए थे। वर्ष 2017-18 के बजट में भी समान टिकट मूल्य लागू करने का प्रस्ताव रखा गया था और इसके लिए 11 मई 2018 को एक सरकारी आदेश जारी किया गया था। लेकिन न्यायालय के स्टे के कारण वह आदेश लागू नहीं हो पाया और वापस ले लिया गया।
इस बार सरकार ने इस प्रस्ताव को और मजबूती से लागू करने की तैयारी की है ताकि टिकट की कीमतों में नियंत्रण स्थापित हो और आम जनता को लाभ मिल सके। यह नियम केवल सस्ती टिकटें उपलब्ध कराने का ही नहीं, बल्कि सिनेमा उद्योग को संतुलित और पारदर्शी बनाने का भी प्रयास है।
मल्टीप्लेक्स और फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं
कर्नाटक सरकार ने इस साल के बजट में एक और महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसके तहत नंदिनी लेआउट, बेंगलुरु में कर्नाटक फिल्म अकादमी की 2.5 एकड़ जमीन पर मल्टीप्लेक्स मूवी थिएटर कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत विकसित होगा। इससे राज्य में आधुनिक और किफायती सिनेमा हॉल्स का निर्माण होगा, जो सिनेमा प्रेमियों के लिए एक बड़ा उपहार साबित होगा।
साथ ही, कर्नाटक सरकार ने कन्नड़ सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए एक आधिकारिक OTT प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की योजना भी बनाई है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्थानीय भाषा की फिल्मों को अधिक से अधिक दर्शकों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी, जिससे फिल्म इंडस्ट्री को नई ऊर्जा मिलेगी।
सिनेमा टिकटों की कीमत पर नया अध्याय और जनता की भागीदारी
इस संशोधन के मसौदे को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने के साथ ही सरकार ने जनता से सुझाव आमंत्रित किए हैं, जो इस प्रक्रिया को और पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाते हैं। जनता की राय के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा, जिससे सरकार को जनता की अपेक्षाओं को समझने और उन्हें पूरा करने का मौका मिलेगा।
इस कदम से न केवल सिनेमा टिकटों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगेगा, बल्कि इससे सिनेमा के प्रति सभी वर्गों के लोगों की पहुंच भी आसान होगी। कर्नाटक सरकार का यह प्रयास दर्शाता है कि वे मनोरंजन को एक सामाजिक अधिकार के रूप में देखते हैं और इसे सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आने वाले समय में इस नीति के सफल क्रियान्वयन से राज्य में सिनेमा उद्योग को नई दिशा मिलेगी और आम जनता के मनोरंजन के अवसर बढ़ेंगे।
