Abbas Araghchi: अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए बमबारी के बाद ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराक़ची का एक बेहद भावुक ट्वीट सामने आया है। उन्होंने लिखा, “पिछले हफ्ते जब हम अमेरिका के साथ परमाणु समझौते की बातचीत कर रहे थे, तभी इज़राइल ने पूरे कूटनीतिक प्रयास को ध्वस्त कर दिया। और इस हफ्ते जब हम यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के साथ बातचीत कर रहे थे, अब अमेरिका ने वही किया और इस डिप्लोमेसी को भी खत्म कर दिया।” अराक़ची ने सवाल करते हुए लिखा, “अब आप खुद तय कीजिए कि नतीजा क्या निकलेगा?” उन्होंने यह भी कहा कि यूरोपीय देश लगातार कहते हैं कि ईरान को फिर से वार्ता की मेज़ पर लौटना चाहिए, जबकि ईरान कभी उस मेज़ से हटा ही नहीं था। तो फिर लौटने की बात क्यों हो रही है और उस मेज़ को बर्बाद किसने किया, यह असली सवाल है।
अराक़ची की पुतिन से मुलाक़ात की तैयारी
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने इस हमले के तुरंत बाद कहा कि वे जल्द ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात करेंगे। इसके लिए वे रविवार को ही मास्को रवाना हो रहे हैं। यह मुलाक़ात इस लिहाज़ से बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि रूस और ईरान के बीच पिछले कुछ वर्षों में रणनीतिक रिश्ते मजबूत हुए हैं। इस हमले के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि ईरान अपने पक्ष को वैश्विक मंचों पर मजबूती से रखने के लिए रूस का समर्थन प्राप्त करना चाहता है। साथ ही ईरान इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तक ले जाने की तैयारी में भी लग गया है।
Last week, we were in negotiations with the US when Israel decided to blow up that diplomacy.
This week, we held talks with the E3/EU when the US decided to blow up that diplomacy.
What conclusion would you draw?
To Britain and the EU High Rep, it is Iran which must "return"…
— Seyed Abbas Araghchi (@araghchi) June 22, 2025
ईरान की चेतावनी: हमारे पास हर विकल्प खुला है
इस हमले के बाद ईरान ने बेहद सख्त लहजे में चेतावनी दी है। विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने कहा कि अमेरिका के इस हमले के गंभीर और दूरगामी परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह की बमबारी इस बात का प्रमाण है कि अमेरिका कूटनीति में नहीं बल्कि ताकत के इस्तेमाल में विश्वास रखता है। अराक़ची ने इस्फहान, फोर्दो और नटांज़ पर हुए हमले के बाद लिखा, “आज सुबह की घटनाएं बेहद डरावनी हैं और इसके परिणाम दूरगामी होंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मुताबिक किसी भी देश को आत्मरक्षा का अधिकार है और ईरान के पास अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर विकल्प खुला है। इससे साफ है कि ईरान अमेरिका के इस हमले का जवाब देने की पूरी तैयारी कर चुका है।
संयुक्त राष्ट्र से अमेरिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग
ईरान ने इस हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका को जवाबदेह ठहराने की मांग की है। ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावानी ने संयुक्त राष्ट्र को एक कड़ा पत्र लिखकर कहा है कि यह हमला बिना किसी उकसावे के और पूर्व नियोजित ढंग से किया गया है और इसे किसी भी हालत में जायज़ नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने लिखा कि संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली संस्था को अंतरराष्ट्रीय कानून और यूएन चार्टर के तहत अमेरिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला 13 जून को ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हुए इज़राइली हमले के बाद किया गया है और यह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के खिलाफ खुली चुनौती है। अब देखना होगा कि संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक समुदाय इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं।
