केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री Kiren Rijiju ने वक्फ संपत्तियों के लिए ‘उमीद’ पोर्टल लॉन्च किया है। यह पोर्टल यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट 1995 के तहत बनाया गया है। नए वक्फ कानून के अनुसार, अब सभी वक्फ संपत्तियों को छह महीनों के अंदर इस पोर्टल पर पंजीकृत कराना अनिवार्य होगा। मंत्री ने कहा कि यह कदम न केवल संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए है बल्कि इससे हजारों लोगों के जीवन में सुधार होगा।
मोबाइल और ईमेल आईडी से होगी सत्यापन प्रक्रिया
‘उमीद’ पोर्टल पर पंजीकरण के लिए मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के जरिए सत्यापन किया जाएगा। इस पंजीकरण में तीन स्तर बनाए गए हैं – मेकर, चेकर और अप्रूवल। मेकर वह व्यक्ति होगा जो वक्फ संपत्ति का मुतावली होगा, जिसे राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के वक्फ बोर्ड द्वारा चुना जाएगा। चेकर जिला स्तरीय अधिकारी होगा जिसे बोर्ड अधिकृत करेगा। अंत में, वक्फ बोर्ड का CEO या अधिकृत अधिकारी संपत्ति के सत्यापन को मंजूरी देगा।
संपत्तियों का पंजीकरण छह महीने में होगा पूरा
मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि छह महीनों के अंदर सभी वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पर दोनों सदनों में विस्तार से चर्चा हुई है और सभी ने इस कानून का समर्थन किया है। रिजिजू ने भरोसा दिलाया कि इस पंजीकरण के जरिए वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन होगा और इसके फायदे पूरे समुदाय को मिलेंगे। उन्होंने राज्य सरकारों और राज्य वक्फ बोर्डों से भी कहा है कि वे इस काम को समय पर पूरा करें।
महिलाओं और अनाथ मुस्लिम बच्चों को मिलेगा फायदा
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि इस पंजीकरण से खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं और अनाथ बच्चों को लाभ मिलेगा। देश में लगभग 9 लाख वक्फ संपत्तियां हैं और अब यह देखना होगा कि कितनी संपत्तियों का पंजीकरण होता है। उन्होंने कहा कि भारत में विश्व की सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं, इसलिए इनका सही प्रबंधन बेहद जरूरी है। ‘उमीद’ पोर्टल के जरिए वक्फ संपत्तियों के मामले में पारदर्शिता बढ़ेगी और इससे समाज के कमजोर वर्गों की मदद होगी।
