RSS Prabhakar Bhatt: दक्षिण कन्नड़ में वरिष्ठ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता कल्लड़का प्रभाकर भट्ट के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। उन पर कथित तौर पर एक भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। यह भाषण 12 मई को हिंदुत्व कार्यकर्ता सुहास शेट्टी के शोक सभा में दिया गया था। सुहास शेट्टी की 1 मई को मंगालूर में निर्मम हत्या हुई थी। पुलिस ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और मामले की जांच कर रही है।
भड़काऊ भाषण का आरोप और पुलिस की कार्रवाई
पुलिस के अनुसार, सुहास शेट्टी की हत्या के बाद 12 मई को मंगालूर के कावलपादूर गांव में मदावा पैलेस कन्वेंशन हॉल में एक शोक सभा का आयोजन किया गया था। यह क्षेत्र बांटवाल ग्रामीण पुलिस थाना के अंतर्गत आता है। इस सभा में लगभग 500 लोगों को संबोधित करते हुए आरएसएस के वरिष्ठ नेता कल्लड़का प्रभाकर भट्ट ने ऐसा भाषण दिया, जो सार्वजनिक सौहार्द बिगाड़ सकता है और समुदायों के बीच वैमनस्य बढ़ा सकता है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया है और जांच जारी है।
सुहास शेट्टी की हत्या की पृष्ठभूमि
सुहास शेट्टी की हत्या ने कर्नाटक में हड़कंप मचा दिया था। 1 मई की शाम को पूर्व बजरंग दल नेता सुहास शेट्टी को मंगालूर में सार्वजनिक रूप से हमला किया गया। कुछ लोगों ने उन पर तेजधार हथियारों से हमला किया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर तनाव फैलाया था और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए गए थे। इस हत्या के बाद कई विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक बयानबाजी भी हुई।
मामले की जांच और आगे की प्रक्रिया
पुलिस ने कल्लड़का प्रभाकर भट्ट के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में साफ कहा है कि भड़काऊ भाषण ने सामाजिक शांति को खतरे में डाला है। पुलिस जांच में यह देखा जाएगा कि इस भाषण से कहीं समाज में दंगा-फसाद या संघर्ष तो नहीं फैला। पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए जांच को गंभीरता से लिया है। स्थानीय प्रशासन ने भी मामले को शांतिपूर्ण ढंग से संभालने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। मामले का निपटारा कानून के अनुसार किया जाएगा और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।
इस प्रकार दक्षिण कन्नड़ में आरएसएस नेता के खिलाफ पुलिस की शिकायत और जांच जारी है। सुहास शेट्टी की हत्या ने क्षेत्र में संवेदनशील माहौल बना दिया है। इस बीच पुलिस और प्रशासन पूरी सतर्कता से मामले को संभालने में जुटे हैं ताकि सामुदायिक सौहार्द बना रहे और कानून का शासन कायम रहे।
