National Herald case: नेशनल हेराल्ड केस में बड़ा खुलासा, सोनिया-राहुल पर 142 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

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National Herald case: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए। ED ने दावा किया कि दोनों ने नेशनल हेराल्ड मामले में 142 करोड़ रुपए के कथित अपराधी धन से लाभ उठाया है। कोर्ट ने इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा समेत कई अन्य लोगों को नोटिस जारी किया है। ED के विशेष वकील जोहेब हुसैन ने तर्क दिया कि किसी भी संपत्ति का अधिग्रहण अगर सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से आपराधिक गतिविधि से हुआ हो तो वह अपराध से प्राप्त धन माना जाएगा। इसमें न केवल योजनाबद्ध अपराध से प्राप्त संपत्तियां बल्कि उन संपत्तियों से जुड़ी आय भी शामिल है।

142 करोड़ रुपये की किराया आय को माना गया अपराधी धन

ED ने कहा कि 142 करोड़ रुपये की किराया आय जो आरोपियों को मिली, उसे भी अपराधी धन माना जाना चाहिए। ED के अनुसार, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास यंग इंडियन कंपनी में कुल 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ED ने आरोप लगाया कि दोनों ने विश्वासघात किया है। जांच में सामने आया है कि यंग इंडियन ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से 90.25 करोड़ रुपये के संपत्तियों को महज 50 लाख रुपये में खरीदा। यह संपत्तियां दिल्ली, मुंबई, लखनऊ सहित अन्य शहरों में थीं। ED ने कहा कि इस संपत्ति के अधिग्रहण में गड़बड़ी हुई है।

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ED ने दायर किया चार्जशीट, 988 करोड़ रुपये की धनशोधन का आरोप

पिछले महीने ED ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कई लोगों को 988 करोड़ रुपये के धनशोधन का आरोपी बनाया गया है। यह चार्जशीट दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की विभिन्न धाराओं के तहत दायर की गई। चार्जशीट में सोनिया गांधी को आरोपी नंबर 1 और राहुल गांधी को आरोपी नंबर 2 बनाया गया है। ED ने अपने आरोपों के समर्थन में 2017 की आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट को भी शामिल किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, AJL और यंग इंडियन के अधिकारी मिलकर AJL की संपत्तियों का नियंत्रण हासिल करने के लिए साजिश रच रहे थे।

नेशनल हेराल्ड मामला क्या है?

नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1938 में की थी। यह अखबार स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कांग्रेस पार्टी का मुखपत्र था। यह अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा प्रकाशित होता था, जिसकी स्थापना 1937 में हुई थी। AJL के पास दिल्ली, मुंबई, लखनऊ और अन्य शहरों में कई कीमती संपत्तियां थीं, जो उन्हें सरकारी छूट पर मिली थीं। पर 2008 में आर्थिक मुश्किलों के कारण अखबार का प्रकाशन बंद हो गया। उस समय AJL पर कांग्रेस पार्टी का 90 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था। भाजपा के वरिष्ठ नेता और वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में दिल्ली की अदालत में शिकायत दर्ज कराई। उनका आरोप है कि गांधी परिवार ने एक कंपनी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से धोखाधड़ी कर AJL की संपत्तियों पर कब्जा किया। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया अवैध थी और इसका मकसद 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति पर कब्जा करना था।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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