Risk Of Cancer Research: क्या आपके पसंदीदा शरबत में छुपा है कैंसर का खतरा? जानिए नया शोध

Risk Of Cancer Research: क्या आपके पसंदीदा शरबत में छुपा है कैंसर का खतरा? जानिए नया शोध

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Risk Of Cancer Research: कैंसर का नाम सुनते ही इंसान घबरा जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि हम हर दिन अपने खानपान से इस खतरनाक बीमारी को खुद ही बुलावा दे रहे हैं। जी हां जो मीठा पेय आप रोज मजे से पीते हैं वही आपकी सेहत का सबसे बड़ा दुश्मन बनता जा रहा है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि हाल ही में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस रिसर्च के मुताबिक जो महिलाएं रोज कम से कम एक बार मीठा पेय पीती हैं उनमें मुंह के कैंसर का खतरा पांच गुना तक ज्यादा हो जाता है। खास बात यह है कि यह खतरा उन महिलाओं में भी पाया गया है जो न तो तंबाकू लेती हैं और न ही शराब।

तेजी से बढ़ रहे हैं ओरल कैंसर के मामले

यह स्टडी इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि पिछले कुछ सालों में ओरल कैंसर के मामलों में तेजी से इजाफा देखा गया है। खासकर ऐसे युवा जिनकी जीवनशैली में तंबाकू या शराब जैसी चीजें नहीं हैं उनके बीच यह बीमारी बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि खानपान की गलत आदतें जैसे मीठे पेय पदार्थों का अधिक सेवन इस बीमारी के पीछे बड़ा कारण हो सकता है। पहले जहां तंबाकू, शराब और सुपारी को ओरल कैंसर का मुख्य कारण माना जाता था वहीं अब सिगरेट पीने की आदत में कमी आने के बावजूद पश्चिमी देशों में मुंह के कैंसर के केस कम नहीं हो रहे हैं बल्कि उनमें इजाफा हो रहा है।

Risk Of Cancer Research: क्या आपके पसंदीदा शरबत में छुपा है कैंसर का खतरा? जानिए नया शोध

मीठे पेय से जुड़ी रिसर्च ने किया सावधान

वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की यह नई रिसर्च इस बात पर रोशनी डालती है कि नियमित रूप से मीठे पेय पीने की आदत हमारी सेहत के लिए कितनी घातक हो सकती है। इस रिसर्च में देखा गया कि शुगर से भरपूर ड्रिंक्स जैसे सॉफ्ट ड्रिंक्स, पैक्ड जूस या एनर्जी ड्रिंक्स से जुड़ा सेवन महिलाओं के शरीर में कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि में योगदान कर सकता है। खास बात ये भी रही कि जिन महिलाओं में कैंसर के कोई पारंपरिक रिस्क फैक्टर नहीं थे जैसे तंबाकू या शराब उनका भी जोखिम सिर्फ खानपान की वजह से कई गुना बढ़ गया। इससे यह साफ होता है कि हमारी डाइट का असर सीधा हमारी सेहत पर पड़ता है।

अब महिलाओं में भी दिख रहा है गंभीर असर

जहां पहले ओरल कैंसर को पुरुषों की बीमारी माना जाता था वहीं अब इसके शिकार महिलाएं भी तेजी से हो रही हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से ज्यादातर महिलाएं न तो धूम्रपान करती हैं और न ही शराब का सेवन करती हैं। साल 2020 में पूरे विश्व में ओरल कैंसर के 3 लाख 55 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए जिनमें से करीब 1 लाख 77 हजार लोगों की मौत हो गई। यह आंकड़े डराने वाले हैं और यह भी साबित करते हैं कि आज के समय में कैंसर सिर्फ लतों से नहीं बल्कि रोजमर्रा की डाइट से भी जुड़ा हुआ है। ऐसे में अब जरूरी हो गया है कि हम अपनी खाने पीने की आदतों पर ध्यान दें और मीठे पेय पदार्थों का सेवन कम से कम करें।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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