मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता Digvijay Singh का बयान एक कार्यक्रम के दौरान वायरल हो गया। सिंह ने कहा कि जब बाबरी मस्जिद को शहीद किया गया था, तब वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। उन्होंने यह भी कहा कि 1947 में भोपाल में कोई दंगा नहीं हुआ था, लेकिन बाबरी मस्जिद गिराने के बाद दंगे हुए। उनके इस बयान में जुबान फिसल गई। उनका कहना था कि हमने दंगों को रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन्होंने गलती से कहा कि हमने दंगों को भड़काने की कोशिश की।
इस बयान के वायरल होते ही भाजपा ने इसे दंगे भड़काने की सच्चाई मानते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को घेर लिया। मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने ट्वीट कर इस वीडियो को शेयर किया और कहा, “दिग्विजय सिंह की यह स्वीकारोक्ति है।” मंत्री ने कहा कि दिग्विजय सिंह, जिन्होंने बाबरी मस्जिद को शहीद बताया है, ने यह स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने दंगे भड़काए। उनका कहना था कि दिग्विजय सिंह की मानसिकता हिंदू विरोधी है और कांग्रेस हमेशा दंगे भड़काने का काम करती रही है।
सुनिए दिग्विजय सिंह का काबुलनामा !
बाबरी मस्जिद शहीद होने पर दंगे हमने करवाए ! pic.twitter.com/LtdS3jIO3n— विश्वास कैलाश सारंग (@VishvasSarang) April 17, 2025
Digvijay Singh ने अपने बयान पर दी सफाई
वीडियो वायरल होने के बाद दिग्विजय सिंह ने अपने बयान पर सफाई दी और कहा कि उनका बयान गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने उनके बयान से ‘न’ शब्द हटा दिया। दिग्विजय सिंह ने कहा, “पूरा देश जानता है कि मैं दंगों के खिलाफ हूं। मैंने कहा था कि मैंने कांग्रेस कार्यालय में 15 दिन बिताए और हिंदू-मुस्लिमों को एकजुट कर दंगों को रोकने की कोशिश की थी।” उनका यह भी कहना था कि उनके बयान में ‘न’ शब्द को हटाने के कारण यह गलत रूप में प्रस्तुत हुआ है।
बाबरी मस्जिद को शहीद कहने पर भी Digvijay Singh ने दी स्पष्टीकरण
दिग्विजय सिंह ने बाबरी मस्जिद को शहीद कहने पर भी स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा, “हां, मैंने बाबरी मस्जिद को शहीद कहा था। अगर आप किसी पूजा स्थल को जबरदस्ती तोड़ दें, तो आप क्या कहेंगे?” उनका कहना था कि उन्होंने इसे शहीद कहा क्योंकि बाबरी मस्जिद को हिंसा के माध्यम से तोड़ा गया था।
