Palm Sunday पर रूस का प्रलयकारी हमला, सूमी में 20 से अधिक की मौत!

Palm Sunday पर रूस का प्रलयकारी हमला, सूमी में 20 से अधिक की मौत!

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

Palm Sunday: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध एक बार फिर निर्दोष नागरिकों पर कहर बनकर टूटा है। रविवार को रूस ने यूक्रेन के सुमी शहर पर एक बड़ा मिसाइल हमला किया, जिसमें 20 से ज्यादा लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, हालांकि अभी तक घायलों की सटीक संख्या सामने नहीं आई है। इस हमले के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई है और लोग भय के साये में जीने को मजबूर हैं।

‘Palm Sunday’ के दिन हुआ हमला, त्योहार मातम में बदला

जानकारी के मुताबिक, यह हमला उस समय हुआ जब स्थानीय लोग ‘Palm Sunday’ के पर्व को मनाने के लिए एकत्रित हुए थे। लोग खुशी के साथ धार्मिक आयोजन में शामिल हो रहे थे, तभी रूस ने घातक बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले से मौके पर भगदड़ मच गई और बड़ी संख्या में लोग उसकी चपेट में आ गए। सुमी के कार्यवाहक मेयर आर्टेम कोबजार ने इस भयावह घटना की पुष्टि करते हुए कहा, “पाम संडे के दिन हमारे लोग एक भयानक त्रासदी का शिकार हुए। अफसोस की बात है कि 20 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है।”

तीन साल से जारी युद्ध ने यूक्रेन को बना दिया खंडहर

करीब तीन साल से चल रहे इस युद्ध ने यूक्रेन को लगभग खंडहर में बदल दिया है। इस युद्ध में हजारों सैनिक और आम नागरिकों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोग हमेशा के लिए अपंग हो गए हैं। रूस लगातार यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे, अस्पतालों और आम नागरिकों को निशाना बना रहा है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। सुमी में हुआ ताजा हमला इस बात का सबूत है कि युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा और इसके निशाने पर सीधे-सीधे मासूम लोग हैं।

अमेरिका की मध्यस्थता विफल, दोनों देशों के बीच फिर से बढ़ा तनाव

इस हमले के एक दिन पहले ही अमेरिका द्वारा दोनों देशों के बीच ऊर्जा ढांचे पर हमले न करने को लेकर एक समझौता कराने की कोशिश की गई थी। लेकिन रूस और यूक्रेन के शीर्ष राजनयिकों ने एक-दूसरे पर इस समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया। वहीं, अब सुमी में हुए इस बड़े हमले के बाद यह साफ हो गया है कि शांति की कोशिशें एक बार फिर विफल हो गई हैं। युद्ध कब रुकेगा, यह किसी को नहीं पता, लेकिन आम जनता इसकी सबसे बड़ी कीमत चुका रही है।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

Leave a Comment

और पढ़ें