MP : फुल फ्लेश में काम करने लगे अतिरिक्त जिपं सीईओ,भाने लगा सीईओ का चेम्बर, नहीं खुलता दरवाजा

सिंगरौली ।। जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ फुल फ्लेश मानकर सीईओ के चेम्बर में बैठ काम करने लगे हैं। करीब एक सप्ताह बाद स्वस्थ्य होकर जिला पंचायत सीईओ दफ्तर पहुंचे। जहां बतौर प्रभारी सीईओ कामकाज में जुट गये हैं। हालांकि जब से इन्हें सीईओ का प्रभार मिला है तब से सबसे ज्यादा निलंबित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों को बहाल करने में फोकस किये हैं और कईयों को बहाली का आदेश भी थमा दिये हैं।

गौरतलब हो कि जिला पंचायत सीईओ जिम्मेदार अधिकारी विहीन है। करीब 20 दिनों के अधिक समय से जिला पंचायत सीईओ का प्रभार अतिरिक्त जिला पंचायत सीईओ अनुराग मोदी के पास है। जिला पंचायत सीईओ पद के लिए अनूपपुर में पदस्थ अपर कलेक्टर की पदस्थापना की गयी थी। किन्तु खबर आ रही है कि वे रिटायरमेंट की कगार में हैं और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पचड़े में नहीं पडऩा चाहते हैं। चर्चाएं यहां तक हैं कि आर्थिक तंत्र पर ज्यादा मोहमाया नहीं है।
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जिला पंचायत के अमले में ही चर्चाएं हैं कि जिनकी पदस्थापना यहां की गयी है वे अंतिम क्षण तक अपना स्थानांतरण निरस्त कराने में लगे हुए हैं। यह बात जब बाहर आयी तो प्रभारी सीईओ ने निलंबित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अमले को फटाफट बहाल करने में जुट गये हैं। चर्चा है कि ऐसे कर्मचारियों को बहाली का आदेश थमाया है जिनके ऊपर घोटालों का गंभीर आरोप है। लेकिन साकेत मालवीय सीईओ के जाते ही भ्रष्ट्राचार के गले तक डूबे कर्मचारियों का पन्द्रह दिन के अंदर ही सारा भष्ट्राचार धूल गया है। फटाफट बहाल किये जा रहे कर्मचारियों को लेकर प्रभारी जिला पंचायत सीईओ सवालों में घिर गये हैं। हालांकि अतिरिक्त जिला पंचायत सीईओ की कार्यप्रणाली व कारगुजारी किसी से छुपी नहीं है। दिव्यांग कृत्रिम अंग एवं उपकरण का मामला अभी ठण्डा नहीं पड़ा है।
डीएमएफ के तीन करोड़ रूपये के वारा-न्यारा को लेकर चर्चाओं का बाजार अभी भी गर्म है। इधर साहब कई दिनों तक अस्वस्थ्य थे। आज सोमवार को कई दिनों बाद दफ्तर पहुंचे और सीईओ के चेम्बर में बैठकर कामकाज निपटाना शुरू कर दिया है। चर्चाएं हैं कि वे इस समय फुल फ्लेश सीईओ मानकर कामकाज करते हुए अधिकारियों,कर्मचारियों को उसी तरह से काम लेना शुरू कर दिये हैं। फिलहाल सिंगरौली में जिला पंचायत सीईओ विहीन होने एवं भ्रष्ट्राचार के आरोपों में जुड़े कई कर्मचारियों को फटाफट बहाल करना कई तरह के सवाल लोगों के जेहन में उठ रहे हैं।