Haryana News: शनिवार रात पिहोवा सदर थाना के बाहर एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पुलिस और आम नागरिकों के बीच विश्वास को झकझोर कर रख दिया। हुआ यूं कि एक उप-निरीक्षक ने एक युवक को थप्पड़ मार दिया जिससे विवाद शुरू हो गया। इसके बाद तीन लोगों ने मिलकर उस उप-निरीक्षक पर हमला कर दिया। इनमें एक महिला भी शामिल थी। आरोपियों ने न सिर्फ पुलिसकर्मी से हाथापाई की बल्कि उसकी वर्दी भी फाड़ दी। पूरा मामला उस वक्त और गंभीर हो गया जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा था कि महिला और उसके साथ के लोग पुलिसकर्मी से बदसलूकी कर रहे हैं और मारपीट तक की जा रही है।
महिला ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
इस पूरे मामले की जड़ एक घरेलू विवाद से जुड़ी हुई थी। उस्मानपुर गांव की रहने वाली एक महिला गीता ने अपने पति संजय के खिलाफ 112 नंबर पर कॉल करके शिकायत दी थी। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को पिहोवा सदर थाने ले आई। पुलिस ने दोनों को समझाया और कहा कि सुबह बैठकर बातचीत से मामला सुलझा लिया जाएगा। इसके बाद जब दोनों थाना से निकलने लगे तो संजय का भाई बिट्टू और कुछ लोग थाना पहुंचे। बाहर ही किसी बात को लेकर उप-निरीक्षक राजेश और बिट्टू के बीच बहस शुरू हो गई। महिला गीता ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी नशे में था और उसके देवर को बेवजह थप्पड़ मार दिया। उसने यह भी कहा कि राजेश ने मोबाइल छीनने की कोशिश की जिस पर उसका देवर सिर्फ अपना मोबाइल वापस लेने की कोशिश कर रहा था।
बयान में आया विरोधाभास
जब पुलिस ने गीता से वीडियो के बारे में सवाल किया तो उसके बयान में विरोधाभास दिखा। शुरुआत में उसने कहा कि पुलिसकर्मी ने नशे में उसके देवर को मारा और मोबाइल छीना लेकिन जब उसे बताया गया कि वीडियो में उसका देवर पुलिसकर्मी से मारपीट कर रहा है तो उसने अपनी बात बदल दी। अब उसने कहा कि उसने अपने देवर को पुलिस से बचाने की कोशिश की थी। वहीं संजय ने बताया कि वो शराब पीकर घर नहीं जा रहा था जिस पर पुलिस उन्हें समझाने के लिए थाने लाई थी। लेकिन थाने से निकलते वक्त पुलिसकर्मी ने उसे और उसके भाई को थप्पड़ मारा। इस पर मामला बिगड़ गया।
पुलिस ने दोनों पक्षों पर की कार्रवाई
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर उप-निरीक्षक राजेश कुमार को सस्पेंड कर दिया गया। साथ ही संजय, बिट्टू और गीता के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच अब डिप्टी एसपी निर्मल सिंह को सौंपी गई है। डीएसपी ने बताया कि मामला गंभीर है और सभी पक्षों के बयान और वायरल वीडियो की जांच की जा रही है। जरूरत पड़ी तो और भी धाराएं जोड़ी जाएंगी। यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि पुलिस और आम जनता के बीच गलतफहमी कैसे बड़ा रूप ले सकती है और सोशल मीडिया का वीडियो कितना बड़ा सबूत बन सकता है।
