Panchang: 23 जून को त्रयोदशी तिथि पर पड़ेगा मास शिवरात्रि व्रत, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

Panchang: 23 जून को त्रयोदशी तिथि पर पड़ेगा मास शिवरात्रि व्रत, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

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23 June 2025 Ka Panchang: 23 जून 2025 दिन सोमवार को आशाढ़ कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। यह तिथि रात 10 बजकर 10 मिनट तक रहेगी। आज का दिन खास इसलिए भी है क्योंकि आज सोम प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि दोनों ही एक साथ पड़ रहे हैं। इन दोनों व्रतों का शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व होता है। सोम प्रदोष व्रत में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है और मास शिवरात्रि में रात्रि के समय शिवलिंग पर जल, बेलपत्र और दूध अर्पित किया जाता है। आज के दिन व्रत रखने और शिव पूजन करने से जीवन में शांति और सौभाग्य प्राप्त होता है।

योग और नक्षत्र: दिन को बनाएंगे और भी खास

आज धृति योग दोपहर 1 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इस योग में किए गए धार्मिक और मांगलिक कार्य शुभ फल प्रदान करते हैं। साथ ही कृतिका नक्षत्र भी आज दोपहर 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। यह नक्षत्र तेजस्वी और ऊर्जा से भरपूर माना जाता है। इसलिए आज किसी नए काम की शुरुआत या शुभ निर्णय लेने के लिए यह समय उत्तम माना गया है। आज के दिन पूजा-पाठ, मंत्र जाप, दान और व्रत का विशेष महत्व रहेगा। खासकर शिव पूजन का शुभ प्रभाव पूरे दिन बना रहेगा।

Panchang: 23 जून को त्रयोदशी तिथि पर पड़ेगा मास शिवरात्रि व्रत, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल: सही समय पर करें काम

अगर आप आज किसी जरूरी काम की शुरुआत करना चाहते हैं तो अभिजीत मुहूर्त आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा। यह मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 55 मिनट से लेकर 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इस समय किया गया कोई भी काम सफलता की ओर बढ़ता है। वहीं आज का राहुकाल भी जानना जरूरी है क्योंकि इस समय में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। दिल्ली में राहुकाल सुबह 7:09 से 8:54 तक रहेगा। मुंबई में यह 7:42 से 9:22 तक, लखनऊ में 6:57 से 8:41 तक, कोलकाता में 6:35 से 8:16 तक और चेन्नई में 7:21 से 8:57 तक रहेगा। इन समयों के दौरान यात्रा, खरीदारी या नए कार्य की शुरुआत से बचना चाहिए।

सूर्योदय, सूर्यास्त और व्रत का महत्व

आज सूर्योदय सुबह 5:24 पर और सूर्यास्त शाम 7:22 पर होगा। सूर्योदय के साथ ही व्रत की शुरुआत और सूर्यास्त के बाद पूजा का समय शुरू होता है। सोम प्रदोष व्रत में प्रदोष काल के दौरान यानी सूर्यास्त के बाद भगवान शिव की पूजा की जाती है। मासिक शिवरात्रि में रात्रि के प्रथम प्रहर से लेकर अर्धरात्रि तक शिवलिंग पर जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण और मंत्र जाप करना उत्तम माना गया है। जो भक्त पूरे श्रद्धा और नियम के साथ आज का व्रत रखते हैं, उन्हें शिव कृपा से सुख, समृद्धि और संकटों से मुक्ति मिलती है। यह दिन शिव उपासना के लिए बेहद शुभ है।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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